ADO.NET in Database Application: Computer को एक Information Storage व Processing Machine माना जा सकता है। चूंकि हर Application की जरूरत अलग प्रकार की होती है, जिसकी वजह से उसके Data भी अलग प्रकार के होते हैं। इसलिए हम सभी प्रकार के Data को समान तरीके से Store व Handle नहीं कर सकते।
उदाहरण के लिए Microsoft Word व Notepad में जिस प्रकार के Text Data को Handle किया जाता है, Accounting Related Software Tally के Data को Exactly उसी तरह से Store व Manage नहीं किया जा सकता।
लेकिन किसी भी प्रकार के Data को सारणी के रूप में Manage करना, Text के रूप में Manage करने की तुलना में ज्यादा आसान होता है। इसलिए ज्यादातर Business Related Data को सारणी के रूप में ही Manage किया जाता है। क्योंकि Business Related Data पर समय-समय पर विभिन्न प्रकार की Calculations को Perform किया जाता है और Generate होने वाले Result के आधार पर ही विभिन्न प्रकार के जरूरी Decisions लिए जाते हैं।
चूंकि Computer Technology का जब से Commercialization हुआ है, तब से सबसे ज्यादा यदि कोई Application Develop किया गया है, तो वह Database Related Application ही है और Computer Technology का Commercialization करने का मूल उद्देश्य भी Business Purpose ही था। ताकि Business Related जरूरी Decisions ज्यादा Accurate Data के आधार पर व ज्यादा तेजी से लिया जा सके।
इसीलिए वर्तमान समय में भी Develop किए जाने वाले 95% से ज्यादा Application Software, किसी न किसी तरह के Business से सम्बंधित Database Management Application Software ही हैं, जो किसी न किसी Specific Type की Business Requirement को पूरा करने के लिए ही Develop हो रहे हैं और जैसाकि हमने अभी बताया कि किसी भी प्रकार के Data की तरह Business Related Data को भी सारणी यानी Tables के रूप में Manage व Maintain करना ज्यादा आसान व सुविधाजनक होता है, इसलिए Business Related Data को ज्यादा आसानी से Access, Manipulate व Manage करने के लिए विभिन्न प्रकार के Frontend व Backend Develop करने वाली Programming Languages व Software Develop किए गए हैं, ताकि उन्हें आपस में बेहतर तरीके से Integrate करके ज्यादा तेजी से GUI Business Applications Develop किए जा सकें।
जब हम Business Applications की बात करते हैं, तब सामान्यत: 2-Tier या 3-Tier Architecture आधारित Business Applications Develop किए जाते हैं तथा विभिन्न प्रकार के Design व Development Patterns Use किए जाते हैं। हालांकि इन दोनों ही तरह के Development Architectures को सरल शब्दों Frontend व Backend के नाम से जाना जाता है। जहां Frontend किसी भी Business Application का वह Part होता है, जिसके माध्यम से Develop किए जाने वाले Application Software के साथ User Interact करता है। जबकि Backend के रूप में वह DBMS Software होता है, जिसमें Business Application से सम्बंधित Actual Data Stored रहता है।
Frontend के रूप में वर्तमान समय में Java या .NET Based Programming Languages को सर्वाधिक Use किया जा रहा है, जबकि Backend के रूप में MSSQL Server, Oracle व MySQL को सबसे ज्यादा Use किया जा रहा है। हालांकि इनके अलावा भी कई और Frontend व Backend Development Languages व DBMS Software भी Use किए जाते हैं।
चूंकि Frontend Programming Language व Backend Database दोनों सामान्यत: अलग-अलग Programming Languages व Design Patterns के आधार पर Develop किए जाते हैं, इसलिए ये आपस में एक दूसरे के साथ Directly Interaction करते हु, Data का लेन-देन नहीं कर सकते। जिसकी वजह से सामान्यत: इनके बीच एक Driver Software (Data Access Library) Use किया जाता है, जो कि Frontend व Backend के बीच Connection Establish करने का काम करता है। इस प्रक्रिया को हम निम्न चित्र द्वारा बेहतर तरीके से समझ सकते हैं:
Frontend Programming Language व Backend Data Source को आपस में Connect करने के लिए जो Data Access Library Use किया जाता है, सामान्यत: वह Data Access Library विभिन्न प्रकार के Backend Data Sources के साथ Frontend Programming Language के बीच Connection Establish करने का काम कर सकता है। इसलिए एक ही Frontend Software को अलग-अलग तरह के Backend Database के साथ उपयोग में लिया जा सकता है।
यानी यदि हम Oracle DBMS Software को Backend के रूप में Use करते हैं, तो किसी विशेष Situation में हम Oracle के Data को MSSQL Server DBMS Software में Store कर सकते हैं और Frontend के माध्यम से Oracle के स्थान पर SQL Server से Data को Access व Manipulate कर सकते हैं। जबकि DBMS Software को Change करने के बावजूद हमें Frontend के Backend के साथ Connection Establish करने वाले Data Access Code को Modify करने के अलावा अन्य किसी भी तरह का Modification करने की जरूरत नहीं होती है।
ADO.NET, Frontend व Backend के बीच Connection Establish करते हु, इनके बीच के आपसी Interaction को Establish करने वाली Data Access Library ही है। यानी ADO.NET के माध्यम से ही .NET Framework की Frontend Programming Languages जैसे कि C#.NET, VB.NET आदि व Backend DBMS Software जैसे कि MSSQL Server, MySQL, Oracle आदि के बीच Data का लेन-देन सम्भव हो पाता है। (ADO.NET in Database Application)
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ADO.NET with C# in Hindi | Page:501 | Format: PDF