ASP.NET Master Page Basics in easy to learn simple words

ASP.NET Master Page Basics: Master Pages हमें हमारी Website के विभिन्न Pages के Common Sections को Specify करने हेतु एक Template Provide करता है, जिसे हम हमारे Web Application में जितने चाहें उतने ASP.NET Pages पर Apply कर सकते हैं।

जब हम Master Pages को Use करते हैं, तब हम एक Master File Create करते हैं, जो कि एक Template होता है। इस Template को Subpage या Content Page के नाम से Reference किया जाता है।

Master Pages का Extension .master होता है जबकि Content Pages का Extension सामान्‍यत: .aspx होता है। लेकिन जिन Content Pages पर हमें Master Template को Apply करना होता है, उनके Page Directive में Use किए जाने वाले Master Page Template को Specify किया जाना जरूरी होता है।

हम हमारी Website के विभिन्न Pages के बीच जिन Contents को Share करना चाहते हैं, उन्हें .master File में Specify करते हैं। परिणामस्वरूप जिन Pages पर .master Template File को Apply किया जाता है, उन सभी Pages में Master File में Specify किए गए Contents ज्‍यों के त्‍यों Content Page में दिखाई देने लगते हैं। फिर Runtime में ASP.NET Engine Master Page व Content Page दोनों को एक Single File के रूप में Combine कर देता है। इस प्रक्रिया को हम निम्न चित्र द्वारा बेहतर तरीके से Represent कर सकते हैं:

ASP.NET Master Page Basics

Master Pages को Use करने का एक फायदा ये भी है कि हम हमारे Webpage की Final Rendering को IDE के अन्दर ही देख सकते हैं और जान सकते हैं कि हमारा Webpage जब Web Browser में Render होगा, तब कैसा दिखाई देगा और इसी वजह से जब हम हमारे Webpages को Develop करते हैं, तो हमें पता होता है कि उस Webpage का Finally Rendered Output क्या होगा।

जब हम Master Page के रूप में Template File को Use करते हैं, तो IDE के अन्तर्गत Develop किए जाने वाले Webpages में जो Content Master Page से आ रहा होता है, वह Shaded Gray Color में दिखाई देता है। साथ ही Master Page से आने वाले इस Grayed Content को Content Page द्वारा Edit भी नहीं किया जा सकता।

Master Page में ही हम ये तय करते हैं कि उसके किस हिस्से को Content Page अपना Content Render करने के लिए Use कर सकेगा। हम हमारे Master Page में एक से ज्यादा हिस्से तय कर सकते हैं, जिसे Content Page Different Content Place करने के लिए Use कर सकता है।

ASP.NET 2.0 के साथ ही Master Pages का Concept इसलिए सम्भव हो सका, क्‍योंकि .NET Framework 2.0 के साथ ही Partial Classes को Support किया जाने लगा, जो कि .NET Framework द्वारा Supported C#/VB.NET Programming Languages को प्राप्त होने वाली एक बहुत ही उपयोगी Capability है।

Partial Classes एक ऐसी Capability है जो हमें एक ही Class के दो या अधिक हिस्सों को दो या अधिक Classes के रूप में अलग-अलग Define करने की सुविधा Provide करते हैं, लेकिन जब Application Run होता है, तो सभी Partial Classes आपस में Merge होकर एक Single Page Class की तरह काम करने लगता हैं।

यदि आप इस Partial Class के Concept को बेहतर तरीके से नहीं जानते, तो आपके लिए “C#.NET in Hindi” पुस्तक काफी उपयोगी साबित हो सकती है, क्‍योंकि इस पुस्तक में .NET Framework के लगभग प्रत्‍येक Feature को काफी सरल उदाहरण Programs के माध्‍यम से Detail से समझाया गया है।

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