ASP.NET WebForms Page Compilation – जब किसी ASP.NET Page के लिए Web Browser द्वारा First Time Request Perform किया जाता है, तो वह Request ASP.NET Parser पर Pass होता है जो कि उस ASP.NET Page से सम्बंधित एक Class Create करता है और Class Create हो जाने के बाद उसे DLL Assembly File के रूप में Compile करके Web Server के Disk पर Write कर दिया जाता है।
इस Point तक DLL Instantiate होकर Process हो चुका होता है और ASP.NET Page के Initial Requester के लिए Output Generate हो चुका होता है। इस प्रक्रिया को हम निम्न चित्र द्वारा भी Represent कर सकते हैं:
फिर जब उसी Page के लिए फिर से अगला Request Perform होगा, जिसमें उपरोक्तानुसार सभी Steps फिर से Follow नहीं होते बल्कि पिछले Request की Processing द्वारा जो DLL Create हुआ था, उस DLL को Reuse करते हुए Request को Fulfill कर दिया जाता है और इस अगली बार होने वाली Processing को हम निम्नानुसार Represent कर सकते हैं:
इस प्रकार से Request की Processing होने के कारण यदि हम.aspx Page की Code-Behind File में कोई Change करते हैं, तो उस स्थिति में हमें हमारे Web Application को फिर से Recompile करना पडता है।
छोटा Application होने की स्थिति में तो Recompilation किया जा सकता है, लेकिन यदि Application काफी बडा हो, तो ये Recompilation काफी Typical हो जाता है क्योंकि प्रत्येक First Request के Perform होने पर User को First Time काफी Wait करना पडता है, हालांकि उसी Page के लिए अगली Request में उतना समय नहीं लगता।
इसलिए Developers ने In-Place Pre-compilation नाम के Concept को Develop किया ताकि Code-Behind File में किए गए Changes की वजह से पूरे Application को First Request के लिए फिर से Recompile करने के स्थान पर Web Application को Back-Ground में Internally Recompile कर लिया जाए और Compilation की इस प्रक्रिया के बारे में हम इस पुस्तक की शुरूआत में पहले ही काफी Detail से समझ चुके हैं।
ये Article इस वेबसाईट पर Selling हेतु उपलब्ध EBook Core ASP.NET WebForms with C# in Hindi से लिया गया है। इसलिए यदि ये Article आपके लिए उपयोगी रहा, तो निश्चित रूप से ये पुस्तक भी आपके लिए काफी उपयोगी साबित होगी।
Core ASP.NET WebForms in Hindi | Page:647 | Format: PDF