Basic Internet Tools – पिछले Discussion के अनुसार हम जानते हैं कि Internet वास्तव में Networks का Network है, जिस पर विभिन्न प्रकार की सुविधाऐं देने के लिए विभिन्न प्रकार की Services Run होती हैं और Internet के माध्यम से हम जिन-जिन Services को उपयोग में लेते हैं, उन सभी Services को Internet Tools कहा जाता है क्योंकि ये ही वे माध्यम हैं, जिन्हें Use करने के लिए हम Internet जैसी Networking व्यवस्था को उपयोग में लेते हैं।
Internet द्वारा उपयोग में ली जाने वाली विभिन्न Services वास्तव में विभिन्न प्रकार के Networking Protocols पर आधारित होती हैं जिन्हें TCP/IP Networking Protocols Suite के नाम से जाना जाता है। इस Networking Protocol Suite के अन्तर्गत जिन भी Services से सम्बंधित Protocols को Define किया गया है, उन्हीं को Internet Tools भी कहा जाता है क्योंकि ये Tools वास्तव में Internet के Infrastructure पर ही Run होते हैं अथवा अन्य शब्दों में कहें तो Internet द्वारा Provide की जाने वाली सुविधाओं के आधार पर ही Run होते हैं जिनमें से कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण Internet Tools या Services निम्नानुसार हैं-
E-mail Service
Email Service, Internet के विकास के साथ Develop होने वाला सबसे पहला Service या Tool था, जिसने Internet के माध्यम से Standard Mail System को Replace करने में महत्वपूर्ण Role Play किया हैं। इसी की वजह से ARPANET को Access करने वाले लोगों ने सर्वप्रथम Internet के महत्व को जाना था कि किस तरह से Internet उनके लिए Fast Communication Medium की तरह Useful साबित हो सकता है। जबकि आज भी Email दुनियां का सबसे ज्यादा Use किया जाने वाला Communication Medium है क्योंकि आज भी प्रतिदिन करोडों Emails Send की जाती हैं।
Email Services के अन्तर्गत मूल रूप से दो Protocols काम करते हैं, जिन्हें POP (Post Office Protocol) व SMTP (Simple Mail Transfer Protocol) के नाम से जाना जाता है। POP Protocol User के Inbox में आने वाली Mails को User के Inbox तक लाने के लिए जिम्मेदार होता है जबकि SMTP Protocol User द्वारा Send किए जाने वाले Emails को Send करने के लिए जिम्मेदार होता है।
World Wide Web
Email के बाद Internet को सर्वाधिक Use करने वाला Tool World Wide Web ही है, जिसके विकास व उपयोग के विषय में पिछले Section में हमने काफी विस्तार से चर्चा की थी।
वर्तमान समय में यदि Communication स्थापित करने के लिए Email सर्वाधिक Use की जाने वाली Internet Service है, तो विभिन्न विषयों से सम्बंधित Detailed Information प्राप्त करने के लिए सबसे ज्यादा Use की जाने वाली Service World Wide Web है।
World Wide Web को Run होने के लिए HTTP (Hypertext Transfer Protocol) की जरूरत होती है, क्योंकि सारा Web इसी Protocol के आधार पर Run होता है।
FTP – File Transfer Protocol
किसी File को एक Device से दूसरे Device के बीच Transfer करने हेतु जो Protocol अपना महत्वपूर्ण Role Play करता है, वह FTP यानी File Transfer Protocol ही होता है। यह Protocol लगभग HTTP Protocol की तरह ही काम करता है। जबकि ये Protocol वास्तव में HTTP Protocol यानी Web के अस्तित्व में आने के बहुत पहले से Exist था बल्कि यदि ये कहें कि FTP का विकास वास्तव में Internet के साथ-साथ ही हुआ है, तो गलत नहीं होगा।
FTP मूलत: दो प्रकार के होते हैं, जिन्हें Anonymous FTP व Non-anonymous FTP के नाम से जाना जाता है। Non-anonymous FTP Use करते समय User के पास Server Computer का Login Credential यानी Username व Password होना जरूरी होता है, जबकि Anonymous FTP को Use करते समय ये जरूरत नहीं होती।
जब एक Computer से दूसरे Computer पर किसी File को Transfer करना होता है, तब जिस Computer System पर File को Upload करना होता है, उस Computer System को Server Computer कहते हैं, जबकि जिस Computer System से File को Upload किया जाना होता है, उस Computer System को Client Computer कहते हैं।
Client Computer से Server Computer पर किसी File को Directly Transfer नहीं किया जा सकता, इसीलिए सामान्यत: कुछ Specific FTP Client Software को Use किया जाता है, जो कि सामान्यत: Freeware होते हैं। FileZilla, SmartFTP, FTPClient आदि कुछ बहुत ही ज्यादा Use किए जाने वाले FTP Client Software हैं, जो Client Computer System से किसी File को Server Computer System पर Transfer करने के लिए उपयोगी होते हैं।
किसी File को Transfer करने के लिए हमेंशा किसी FTP Client Software की जरूरत हो, ऐसा जरूरी नहीं होता, लेकिन जब भी कोई File एक Computer से दूसरे Computer System या एक Device से दूसरी Device पर Transfer होती है, तो उस Transfer के लिए FTP Protocol ही जिम्मेदार होता है क्योंकि बिना FTP Protocol को Use किए हुए कोई भी File Exchange नहीं हो सकती।
Telnet
Telnet भी एक Network Protocol है, जिसे Internet या Intranet के माध्यम से Tele Networking के लिए Use किया जाता है। ये एक ऐसा Protocol है जो एक Virtual Terminal के माध्यम से Text-Oriented Bi-Directional Communication करने की क्षमता Provide करता है। इस Protocol को 1968 में Define किया गया था और IETF (Internet Engineering Task Force) द्वारा सबसे पहले Internet Standard की तरह Approve किया गया था।
FTP की तरह ही Telnet Protocol पर आधारित Client Software भी होते हैं, जो कि सामान्यत: विभिन्न प्रकार के Operating Systems (Windows, Linux, MacOS, Unix, etc…) में पहले से Exist होते हैं।
ये Client Software किसी Remote Computer System यानी किसी दूर स्थान पर स्थित Computer System से Communication स्थापित करने व उसके Data को Access व Manipulate करने की सुविधा देता है, लेकिन इस Client Software द्वारा Telnet Protocol के माध्यम से Remote Computer System के Data को Access व Manipulate करने के लिए दिए जाने वाले Commands को Text Command की तरह Manually लिखना पडता है।
Usenet News
ये भी Internet द्वारा Provide की जाने वाली एक उपयोगी सुविधा थी, जो वर्तमान समय में काफी बदले हुए रूप में Use होती है। Usenet वास्तव में एक Discussion System होता था जो कि Internet के माध्यम से दुनियांभर में Distribute होता था। यदि हम इसे सबसे पुराना Computer Network Communication System कहें, तो गलत नहीं होगा।
इसे सर्वप्रथम 1979 में ARPANET के वैज्ञानिकों द्वारा UUCP Protocol को Use करते हुए बनाया गया था। इस Protocol की विशेषता ये है कि इस Protocol के माध्यम से न केवल Email Send होता है बल्कि उस Email के साथ File को भी Transfer किया जा सकता है। यानी ये Protocol वास्तव में SMTP व FTP का Mixture था।
Newsgroups वर्तमान समय में भी काफी Use किए जाते हैं, लेकिन Exactly उसी तरीके से नहीं, जिस तरीके से मूलत: इन्हें Develop किया गया था बल्कि अब Usenet Newsgroup के स्थान पर Discussion Forum, Blog व Mailing List को अधिक Use किया जाने लगा है जो कि मूलत: Usenet Newsgroup Concept पर ही आधारित व प्रेरित तकनीकें हैं और http://group.google.com व https://group.yahoo.com Discussion Forum के Most Popular Examples हैं।
लगभग सभी Newsgroups में Users द्वारा जो Articles Post किए जाते हैं, वे किसी अन्य Article में पूछे गए सवाल या किसी सवाल के दिए गए जवाब ही होते हैं। इन Articles के समूह को Thread कहा जाता है और प्रत्येक सवाल व उसका जवाब एक Thread व Sub-Thread को Represent करते हैं।
जब User किसी Article को Post करता था, तो वह Article मूल रूप से Current News Server पर ही Store होता था। लेकिन बाद में Newsfeeds Service के माध्यम से ये Article अन्य News Servers पर Exchange हो जाता था। परिणामस्वरूप एक ही Articles, Server to Server Copy होते हुए Network के सभी Servers पर पहुंच जाता था।
चूंकि Usenet वास्तव में एक Discussion System होता था, जहां लोग किसी Specific विषय पर Discuss किया करते थे, लेकिन किसी Specific विषय पर Discuss करने के लिए Users को विषय से सम्बंधित User Group में Subscribe करके उन Users के Group का हिस्सा बनना जरूरी नहीं होता था। जबकि वर्तमान समय के Forums में User जिस विषय पर Discuss करना चाहता है, उसे उस Forum पर Subscribe करना जरूरी होता है, ताकि जब भी कोई व्यक्ति किसी पूछे गए सवाल का जवाब दे, तो वह जवाब उस Registered User को उसके Email Address पर Send किया जा सके।
इसके अलावा Discussion Forum व Usenet में एक ओर मुख्य अन्तर ये होता है कि Usenet पर Post किए गए Articles को पढ़ने के लिए हमेंशा News Reader Software की जरूरत होती है जो कि Newsfeeds के माध्यम से User के सामने प्रत्येक Discussion को Display करने का काम करते हैं, जबकि Discussion Forum सामान्यत: Website के रूप में होते हैं, इसलिए इन्हें Access करने के लिए किसी Client Newsreader Software की जरूरत नहीं होती।
Electronic Bulletin Board
इसे Bulletin Board System या BBS भी कहा जाता था जो कि एक ऐसा Computer Server होता था, जिस पर कई Custom Software Run होते थे और User इस Server Computer से Connect होने के लिए किसी Terminal Program को ठीक उसी तरह से Use करता था जिस तरह से FTP Client या Telnet Client को Use किया जाता है।
जब एक बार User इस Server Computer पर Login हो जाता था, उसके बाद वह उस Server Computer पर Installed विभिन्न Software के माध्यम से विभिन्न प्रकार के Operations Perform कर सकता था।
उदाहरण के लिए वह Server Computer पर किसी File को Upload कर सकता था, Server Computer से किसी File को Local Computer पर Download कर सकता था, News व Bulletins को Read कर सकता था, Usenet Discussion के अन्तर्गत Participate कर सकता था़, अन्य Users के साथ Email, Public Message Board व Direct Chat System के माध्यम से Message Exchange कर सकता था। इसके अलावा कई BBS Online Games भी Offer करते थे, जहां Multiple Users एक दूसरे के साथ Competition भी कर सकते थे।
BBS जो भी Functionalities Provide करता था, उन सभी Functionalities को वर्तमान समय में हम Word Wide Web, Social Networks व Internet की अन्य Services व Applications द्वारा प्राप्त करते हैं। लेकिन 1994 के बाद जब Mosaic Web Browser के माध्यम से World Wide Web को बहुत ज्यादा Use किया जाने लगा, तो BBS की Popularity एकदम से कम होने लगी और वर्तमान समय तक आते-आते ये लगभग पूरी तरह से समाप्त हो चुका है।
IRC (Internet Relay Chat)
इसे Jarkko Oikarinen नाम के व्यक्ति द्वारा 1988 में MUT (MultiUser Talk) नाम के Program को Replace करने के लिए Create किया गया था जो कि OuluBox नाम के BBS पर Run होता था और इस BBS के विभिन्न Users के बीच आपस में Live Chat करने की सुविधा Provide करता था।
IRC भी एक TCP/IP Networking Suite का Protocol है जो कि Messages को Text Format में Transfer करने की सुविधा Provide करता है। Chat Process के अन्तर्गत हमेंशा दो हिस्से होते हैं, जो कि Client व Server की भूमिका में होते हैं। IRC के लिए भी FTP व Telnet की तरह ही एक Client Software होता है, जिसे User को अपने Computer System पर Install करना होता है।
परिणामस्वरूप जितने भी Users ने अपने Computer System पर IRC Software को Install किया होता है, वे सभी एक दूसरे के साथ Live Chat करते हुए Group Communication करने में सक्षम हो जाते हैं।
इस Protocol को मूलत: किसी Forum में Group Discussion करने के लिए ही Develop किया गया था। लेकिन Group Discussion के साथ ही ये One-to-One Communication के रूप में Private Messages Send करने व File Sharing करने की भी सुविधा देता है।
इस तरह से इन मूल Internet Services के अलावा भी Internet के कई और Tools वर्तमान समय में उपयोग में लिए जा रहे हैं जो कि हमें विभिन्न प्रकार की सुविधाऐं Provide करते हैं। उदाहरण के लिए VOIP (Voice Over Internet Protocol) भी एक ऐसा ही Internet Tool है, जिसका प्रयोग करते हुए हम Internet के माध्यम ठीक उसी तरह से Online Talking यानी बात कर सकते हैं जिस तरह से किसी Mobile Phone या Telephone द्वारा बात करते हैं। Skype, Viber, Whatsapp, Hangout Apps इसी VOIP पर आधारित हैं।
इसी तरह से WAIS (Wide Area Information Server) भी एक ऐसा Protocol है, जो कि Client-Server Text Searching System के माध्यम से Remote Computer से किसी Data की Searching करने हेतु उपयोगी होता था और 1980 के दशक में इसे Thinking Machine, Apple Computer, Dow Jones आदि Projects में Use किया गया था।
ठीक इसी तरह से Gopher नाम के Protocol को भी Internet के माध्यम से Documents को Network पर Distribute, Search व Retrieve करने के लिए Define किया गया था। इस Protocol को मूल रूप से World Wide Web के Alternative के रूप में ही Develop किया गया था और Gopher तथा HTTP Protocols के बीच वास्तव में एक प्रकार का Competition था लेकिन अन्त में Gopher Protocol को HTTP द्वारा Overruled कर दिया गया इसलिए वर्तमान समय में Gopher Protocol को लगभग किसी भी प्रकार की Service Develop करने के लिए Use नहीं किया जाता।