Advantages of Object Oriented Programming Language

Advantages of Object Oriented Programming: जब आप किसी समस्या को Object Oriented Programming Approach के रूप में बनाना चाहते हैं, तब ये तय नहीं करना होता है कि समस्या को Functions में किस प्रकार से विभाजित किया जाए बल्कि ये तय करना होता है कि समस्या को Objects में किस प्रकार से विभाजित किया जाए। 

साधारण सा सवाल दिमाग में आ सकता है कि ये Objects क्या होते हैं? इसका जवाब भी इतना ही साधारण है। हम जो कुछ भी सोंच सकते हैं, दुनिया की वह हर वस्तु Object है। फिर भी थोडा सा समझाने के उद्‌देश्‍य से हम यहां पर Objects के कुछ उदाहरण दे रहे हैं-

Physical Objects

किसी Lift से सम्बंधित प्रोग्राम जिसमें Program का मूल बिन्दु Lift पर निर्भर करता है, इसमें Lift को एक Object कहा जा सकता है।
किसी अर्थव्यवस्था से सम्बंधित प्रोग्राम में विश्‍व के सभी देशों को Object माना जा सकता है। क्योंकि इस प्रोग्राम का मूल बिन्दु विभिन्न देश होंगे, जिनकी अर्थव्यवस्था पर सारा प्रोग्राम निर्भर होगा।
किसी Traffic Flow से सम्बंधित प्रोग्राम में विभिन्न प्रकार के वाहन Objects हो सकते हैं, क्योंकि पूरा प्रोग्राम वाहनों को केन्द्र में रख कर ही Develop किया जाएगा।
किसी Air Traffic से सम्बंधित प्रोग्राम में विभिन्न देशों के Aircraft Object होंगे।

किसी Computer User Environment में कम्प्यूटर के विभिन्न अवयव

Window, Menu, Graphics Objects ( Line, Rectangle, Circle ) Mouse, Keyboard, Toolbars, Command Buttons, Disks Drives, Printer आदि Objects होते हैं।

Human Entities में

किसी Company के Employees
किसी विधालय के विभिन्न विधार्थी
विभिन्न ग्राहक
Salesmen आदि Objects होते हैं, क्योंकि ये ही किसी प्रोग्राम की मूल इकाई होते हैं।

Data Storage Construct में

विभिन्न Customized Arrays
Arrays
Stacks
Linked Lists
Binary Trees आदि Objects होते हैं।

Collection Of Data में

Inventory
Personal File
Dictionary
Longitude व Latitude की Table

User Defined Data Types मे

Time, Complex Numbers, Points Of Planes आदि Objects होंगे।

Computer Game में

कोई चित्र
Chess या Checkers के मोहरे आदि
जानवरों के चिन्ह
विभिन्न चिन्ह आदि Objects हो सकते हैं।

इन उदाहरणों से हम समझ सकते हैं कि किसी Program के किसी हिस्से में या पूरे प्रोग्राम में जो मूल वस्तु होती है, वह Object कही जा सकती है। किसी भी समस्या को Object के रूप में विभाजित करना काफी आसान है। क्योंकि दुनिया की हर वस्तु को जरूरत के अनुसार एक Object माना जा सकता है। हरेक Object की अपनी क्षमताएं होती हैं और हरेक Object कुछ ना कुछ काम कर सकता है। इसे समझने के लिये एक उदाहरण देखते हैं।

बडी इमारतों में विभिन्न मंजिलों पर आने-जाने के लिये Lifts होती हैं। इस Lift को एक Object माना जा सकता है। माना कि चौथी मंजिल पर किसी Lift में चार Passengers हैं और Passengers ने 8th, 10th व 15th मंजिल पर जाने के लिये Button Press किया है, तो Lift में ये क्षमता होती है कि ये नीचे जा सकती है, ऊपर जा सकती है, ये इसके दरवाजों को खोल सकती है व बन्द कर सकती है, ये पता कर सकती है कि दूसरी Lifts कौनसी मंजिल पर हैं और उसे अगली किस मंजिल पर जाना है।

“C++” में एक Object के Data ये ध्यान रखते हैं कि Object में क्या-क्या क्षमताएं हैं और Object के Member Functions इस बात का ध्यान रखते हैं कि Object उन Data के साथ क्या-क्या कर सकता है। इस Lift Object में निम्न Data हो सकते हैं-

  • Current_floor_number
  • Number_of_passengers
  • List_of_buttons_pussed

और Member Functions निम्न हो सकते हैं-

  • GoDown()
  • GoUp()
  • OpenDoors()
  • CloseDoors()
  • GetInfo()
  • CalculateWhereToGo()

Object Oriented Programming में किसी वस्तु की विशेषता व वस्तु की क्षमता एक साथ में होती है, ठीक उसी प्रकार से Object Oriented Program में Data व Functions एक साथ में एक Unit के रूप में होते हैं, जिसे Object कहा जाता है।

Object के Data व उन Data की State में परिवर्तन करने वाले Functions को एक Unit या इकाई के रूप में Combine करने की प्रक्रिया को Encapsulation कहते हैं। Encapsulation की प्रक्रिया से प्राप्त होने वाला Template या Description Class कहलाता है।

Objects किसी Object Oriented System की Basic Run Time Entities होते हैं। Objects Memory में Space लेते हैं और हर Object का एक Memory Address होता है।

जब हम किसी Object Oriented Program को Execute करते हैं, तब विभिन्न Objects एक दूसरे को Message Pass करके यानी उनके Member Functions को Call करके एक दूसरे से Communication करते हैं।

उदाहरण के लिए मान लो कि “Customer” व “Account” दो Objects हैं। अब यदि Customer को अपना Bank Balance जानना हो, तो वह Account Object को एक Message Pass करता है और अपने Bank Balance की जानकारी प्राप्त करने के लिए Request करता है। Account Object Customer Object की Request को पूरा करता है और उसे Bank Balance की जानकारी प्रदान कर देता है।

इस तरह से Customer Object बिना ये जाने हुए कि Account Object में कौन-कौन से Data हैं, अपने Balance की जानकारी प्राप्त कर सकता है। अपना Balance जानने के लिए Customer Object को केवल इतना ही ध्यान रखना होता है कि Account Object को कौनसा Message Pass करने पर यानी Account Object के किस Member Function को Call करने पर Account Object Account Balance की जानकारी प्रदान करेगा। (Advantages of Object Oriented Programming)

Object Oriented Programming Approach
Class in OOPS

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