Difference between Variable and Constant in C Language: सभी Programming Languages में यदि कोई चीज Common होती है, तो वह यही है कि सभी Programming Languages में Develop किए जाने वाले Programs में Data को Input किया जाता है और उन पर Required Processing Perform करके Output Generate किया जाता है।
चूंकि किसी भी Computer Program में सबसे Important चीज Data ही होती है, इसलिए हर Computer Program में इसी बात का ध्यान रखा जाता है कि Data को विभिन्न तरीकों से Store किया जाए, ताकि उन पर विभिन्न प्रकार की Processing को Apply करके विभिन्न प्रकार के Results Generate किए जा सकें।
Data Memory में किस प्रकार से Store होंगे और किस प्रकार से उन पर Processing को Apply किया जाएगा, इस बात का Track रखने के लिए Programs में Constants व Variables का प्रयोग किया जाता है।
Constants
किसी भी Computer Program में हम विभिन्न प्रकार के मानों को Computer में Store करते हैं, उन्हें Manage करते हैं, उन पर Required Processing Apply करते हैं और उनके परिणाम को Output में प्राप्त करते हैं। यदि हम Real World में देखें तो दो तरह के मान होते हैं। एक मान वे होते हैं जिन्हें कभी Change नहीं किया जाता है। जैसे कि:
- साल में कुल 12 महीने होते हैं। इन महीनों की संख्या हमेंशा निश्चित होती है। कभी भी किसी भी साल में 11 या 13 महीने नहीं हो सकते।
- इसी तरह से हर महीने का एक निश्चित नाम होता है।
- हर Week में सात दिन होते हैं।
- हर दिन का एक निश्चित नाम होता है।
- इसी तरह से PI का मान 22/7 होता है।
हम समझ सकते हैं कि ऐसी ही हजारों चीजें हैं, जिनके मान हमेंशा निश्चित होते हैं। जो मान हमेंशा निश्चित होते हैं, उन मानों को Hold करने वाले Identifiers को Constants कहा जाता है। इसी तरह से किसी Computer Program में Declare किया गया वह Identifier जो ऐसे ही किसी Constant मान को Hold करता है और पूरे Program में अपने Data को Change नहीं करने देता है, Constant कहलाता है।
हम किसी भी Data को मान या मानों के एक समूह के रूप में मान सकते हैं। यानी किसी भी तथ्य को Computer Program में Represent करने के लिए हमें उस तथ्य को किसी ना किसी मान के रूप में परिभाषित करना होता है। Computer में मानों को या तो Texts के रूप में Represent किया जाता है या फिर किसी अंक के रूप में।
उदाहरण के लिए यदि हमें साल के कुल महीनों को Computer में Store करना हो तो हम अंक 12 को उपयोग में लेते हैं, जो कि एक संख्या है। जबकि यदि हमें किसी महीने के नाम माना “January” को Computer में Store करना हो तो हम Characters के समूह का प्रयोग करते हैं। इस उदाहरण के आधार पर हम कह सकते हैं कि किसी भी Real World मान को Computer में या तो किसी अंक या अंकों के समूह के रूप में Define किया जाता है या किसी Character या Characters के समूह (String) के रूप में।
विभिन्न अंक या अंकों के समूह को हम Numeral Constants कह सकते हैं और विभिन्न Characters व Characters के समूह को Character या String Constants कह सकते हैं। उदाहरण के लिए मान लो कि हमें 100 रूपये का 6.0 प्रतिशत की दर से ब्याज ज्ञात करना है। ये Calculation हम निम्नानुसार Perform कर सकते हैं:
Interest = 100 * 6.0 / 100
इस Statement में Numerical मान 100 व 6.0 स्थिर मान हैं, इसलिए इन्हें Constant कहा जाता है।
मानलो कि हमें किसी Program में इस Calculation को कई बार Perform करना पडता है। इस स्थिति में हम इस Statement को पूरे Program में कई बार लिख सकते हैं। लेकिन थोडे समय बाद यदि हमें 6.0 के बजाय 7.0 प्रतिशत की दर से ब्याज Calculate करने के लिए इसी Program को Modify करना पडे, तो हमने Program में जितनी बार इस Calculation को Perform किया है, उतनी ही बार अंक 6.0 के स्थान पर 7.0 को Replace करना पडेगा।
यदि हमने हमारे Program में 200 बार इस Statement को Use किया हो तो हमें हमारे Program में 200 स्थानों पर 6.0 के स्थान पर 7.0 करना पडेगा जो कि काफी असुविधाजनक काम होगा। क्योंकि Program को Modify करने में काफी समय लगेगा और गलतियां होने की भी काफी सम्भावना रहेगी। पूरे Program में किसी एक भी स्थान पर यदि हमने 6.0 को 7.0 से Replace नहीं किया, तो Program का Output गलत ही आएगा।
इस प्रकार की स्थितियों को Avoid करने के लिए Programmers हमेंशा कुछ Symbolic Constants का प्रयोग करते हैं, जो सामान्यतया वे शब्द होते हैं, जो Program में किसी मान को Represent करते हैं। यदि हम हमारे इस पिछले Expression की ही बात करें, तो 6.0 को Represent करने के लिए हम PERCENT नाम का एक Symbolic Content Use कर सकते हैं, जो Current Percent को Represent करता है और Program की शुरूआत में इस Percent को वह दर प्रदान कर सकते हैं, जिसे पूरे Program में Calculate करना है।
C Language में किसी Constant को Represent करने के लिए जो Statement लिखा जाता है, उसे Constant Identifier Declare करना कहते हैं और इसे निम्नानुसार Declare करते हैं:
const float PERCENT = 6.0;
“C” में const Keyword का प्रयोग तब किया जाता है, जब हमें “C” Compiler को ये बताना होता है, कि हम जिस Identifier द्वारा किसी मान को Program में Represent कर रहे हैं, उस Identifier के मान में पूरे Program के दौरान किसी प्रकार का Change नहीं किया जा सकता है।
इसी तरह से float Keyword “C” Compiler को ये बताता है कि हम जिस Constant मान को Store करना चाहते हैं, वह मान एक Floating Point मान या दसमलव वाला मान है। PERCENT शब्द एक Symbolic Content है और इस Expression में = (Equal To) का चिन्ह बताता है कि = के Left Side में जो Word है वह Word उस मान के बराबर है जो = चिन्ह के Right Side में है जो कि हमारे इस Statement में 6.0 है। यानी हम इस Calculation में 6.0 लिखें या PERCENT लिखें, दोनों से निकलने वाला परिणाम समान ही प्राप्त होगा, क्योंकि दोनों ही समान मान को Represent कर रहे हैं।
Interest = 100 * PERCENT / 100;
सामान्यतया Symbolic Constants को Program के अन्य Codes से अलग दिखाने के लिए UPPERCASE में लिखा जाता है।
Variables
Program के वे मान जो पूरे Program में समय-समय पर आवश्यकतानुसार बदलते रहते हैं, Variables कहलाते हैं। Variables कभी भी किसी स्थिर मान को Represent करने के लिए Use नहीं किए जाते हैं। जब भी हमें किसी Constant को Program में Use करना होता है, तो उस Constant को Represent करने के लिए हमें Symbolic Constants की जरूरत होती है। इन Symbolic Constants को ही Literal भी कहा जाता है। सवाल ये पैदा होता है कि Program में Variables की क्या जरूरत है? इसे समझने के लिए पिछले Statement को ही लेते हैं, जो कि निम्नानुसार हैः
Interest = 100 * PERCENT / 100;
इस Statement में Interest एक Variable है। यानी किसी Calculation के Result को Store करने के लिए हमें हमारे Program में हमेंशा एक ऐसी Memory की जरूरत होती है, जिसमें विभिन्न प्रकार के बदलते हुए मान Store हो सकें। इस Statement द्वारा हम केवल 100 का ही PERCENT ज्ञात कर सकते हैं।
लेकिन सामान्यतया हमें अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग प्रकार के मानों का Percent ज्ञात करना होता है। ऐसे में हर संख्या का Percent ज्ञात करने के लिए यदि हमें अलग से Program बनाना पडे तो ये एक बहुत ही असुविधाजनक बात होगी। Program ऐसा होना चाहिए कि किसी एक ही Program से एक प्रकार से Perform होने वाली विभिन्न प्रकार की Calculations को Perform किया जा सके। यानी हम यदि 100 की जगह 200 कर दें, तो हमें 200 का Interest प्राप्त हो जाए।
यदि हम Program को Multipurpose बनाना चाहते हैं, तो हमें 100 को भी किसी Symbolic तरीके से Represent करना होगा। ये काम हम निम्नानुसार Statement द्वारा कर सकते हैं:
Principal = 100;
Interest = Principal * PERCENT / 100;
हम देख सकते हैं कि यदि Principal का मान 100 से 200 कर दिया जाए तो Interest नाम के Variable में हमें Principal 200 का Interest प्राप्त होगा। चूंकि मूलधन 100 के Symbolic Representative Principal का मान बदल कर 200, 300, 400 आदि किया जा सकता है, इसलिएPrincipal भी एक Variable है और Principal के Change होने से Calculate होने वाले Interest में भी परिवर्तन होता है, इसलिए Interest भी एक Variable है।
वास्तव में Constant Identifier व Variable Identifier के नाम में किसी प्रकार का कोई अन्तर नहीं होता है। अन्तर केवल इनके Declaration के तरीके में होता है। हम Variable Identifier को Declare करें या Constant Identifier को, दोनों ही स्थितियों में हमें Identifier Naming Convention के सभी नियमों का पालन करना होता है।
Variables व Constants, C Programming Language के Basic Programming Elements का एक हिस्सा है जबकि Literals, Identifiers आदि अन्य Basic Elements / Sub-Elements हैं, जिनके बारे में अच्छी तरह से समझे बिना न तो C Language को ही ठीक से समझा जा सकता है न ही किसी अन्य Programming Language को, क्योंकि ये Basic Elements न केवल C Language बल्कि किसी भी अन्य Programming Language में समान रूप से Exist होते हैं।
इसलिए एक अच्छा C Programmer बनने के लिए इन Programming Elements को बेहतर तरीके से समझने के लिए C Programming Language in Hindi पुस्तक को उपयोग में लिया जा सकता है, जो कि काफी सरल भाषा में व विभिन्न प्रकार के Real Life Example Programs को Discuss करते हुए विभिन्न प्रकार के Programming Concepts को समझाते हुए लिखी गई है और नए Programmers के लिए तो निश्चित रूप से ये पुस्तक काफी ज्यादा उपयोगी है। (Difference between Variable and Constant in C Language)
ये Article इस वेबसाईट पर Selling हेतु उपलब्ध EBook C Programming Language in Hindi से लिया गया है। इसलिए यदि ये Article आपके लिए उपयोगी रहा, तो निश्चित रूप से ये पुस्तक भी आपके लिए काफी उपयोगी साबित होगी।
C Programming Language in Hindi | Page: 477 + 265 | Format: PDF