Embed Java Applet in HTML Example: जैसाकि हमने पहले भी कहा है कि Applet वे छोटे Programs होते हैं जो किसी Web Page को अधिक Interactive बनाने के लिए Develop किए जाते हैं। Applet को समझने से पहले हम ये समझते हैं कि आखिर Web Pages क्या हैं और इनकी जरूरत क्या है।
Web Pages ऐसे Electronic Pages हैं, जिन पर Stored Information दुनियां में कहीं भी देखी जा सकती हैं। Web Pages सूचनाओं को तेजी से सारी दुनियां में फैलाने का सबसे अच्छा माध्यम है, फिर चाहे ये सूचना किसी University का Declare किया गया Result हो या किसी Company के किसी नए उत्पाद के बारे में दिया गया विज्ञापन।
सामान्यतया Web Pages का ज्यादातर उपयोग विभिन्न प्रकार की Companies अपने उत्पाद की Advertisement करने के लिए करती हैं, ताकि उनके उत्पाद को सारी दुनियां जान सके और उनका व्यवसाय National से बढकर International हो सके, यानी विदेशों में भी बढ सके। सामान्यतया लोग उन चीजों को ज्यादा ध्यान से देखते व सुनते हैं या ऐसी चीजों के बारे में ज्यादा गौर करते हैं, जिन्हें Represent करने के लिए विभिन्न प्रकार के Multimedia का प्रयोग किया गया हो।
साथ ही ऐसा भी होता है कि अलग-अलग लोग अलग-अलग प्रकार के परिवेश में रहते हैं और अलग-अलग भाषाओं का प्रयोग करते हैं। ऐसे में यदि किसी Information को Graphically Represent किया जाता है, तो उस Information को तुलना में ज्यादा लोग समझ पाते हैं। इसी Concept के आधार पर ये माना गया कि यदि Web Pages भी Multimedia से युक्त हों, तो ज्यादा से ज्यादा लोग Web Pages को देखेंगे और किसी Company के उत्पाद का ज्यादा से ज्यादा लोगों में विज्ञापन हो सकेगा।
इसलिए ऐसे Web Pages बनाने की जरूरत महसूस की गई, जिसमें Multimedia यानी Sound, Video, Animation, Graphics आदि का ज्यादा से प्रयोग किया गया हो और किसी Web Page में Multimedia को लाने के लिए जावा Applets सबसे अच्छा साधन हैं।
इसके साथ ही आज जो व्यवसाय किए जाते हैं वे किसी एक शहर या एक देश तक सीमित नहीं होते हैं। विभिन्न प्रकार की Multinational Companies आपस में मिल कर व्यवसाय करती हैं। ऐसे में किसी Multinational Company के विभिन्न भागीदारों को कभी भी अपनी Company की Financial स्थिति जानने की जरूरत पड सकती है।
ऐसे में हर भागीदार अपनी Company की स्थिति जानने के लिए Center Office से जानकारी प्राप्त कर सके, ये व्यवस्था ठीक नहीं कही जा सकती। क्योंकि हो सकता है कि Company का कोई Partner India में रहता हो और Company का Center Office America में हो। ऐसे में India का वह व्यक्ति ये कैसे जान सकेगा कि उसकी Company की स्थिति क्या है, जिसमें उसने अपना धन Invest किया है।
इस प्रकार की स्थिति में Company से सम्बंधित सभी सूचनाओं को America के Center Office में यदि हर रोज Web Pages के रूप में Internet पर डाल दिया जाए, तो India का वह Partner भी Company की स्थिति को हर रोज किसी भी समय जान सकता है।
चूंकि Company की वर्तमान स्थिति की विभिन्न प्रकार की सूचनाओं को Analyze करके विभिन्न प्रकार के Decisions लेने होते हैं, इसलिए विभिन्न प्रकार की Information को विभिन्न प्रकार के Graphs, Charts आदि के रूप में व्यवस्थित किया जाता है, ताकि विभिन्न प्रकार के जरूरी Decisions तुरन्त लिए जा सकें।
इन विभिन्न प्रकार के Graphics व Charts आदि को विभिन्न प्रकार के User द्वारा दिए जाने वाले Data के आधार पर Online Develop हो सकें, इसके लिए ऐसे Interactive Web Pages की जरूरत होती हैं, जो User के साथ थोडा बहुत Interaction कर सकें और ये सुविधा केवल Applets द्वारा ही प्राप्त की जा सकती हैं, क्योंकि जावा Applets वे Programs होते हैं, जो Web Pages में Run होते हैं और Web Pages पूरी दुनियां में कहीं से भी Access किए जा सकते हैं।
इन Web Pages पर User द्वारा Parameter के रूप में Specify किए गए Inputs को Applets Accept कर सकते हैं और विभिन्न प्रकार से Modify होकर User की सामान्य जरूरतों को Online यानी Run Time में पूरी कर सकते हैं। सारांश ये हुआ कि Applets का प्रयोग Web Pages में करना होता है, इसलिए Applet Programming करने से पहले हमें Web Page बनाना सीखना होगा।
Web Site एक ऐसी Book की तरह होती है, जिसमें बहुत सारे ऐसे Electronic Pages होते हैं, जिनमें सूचनाओं को Present करने के लिए विभिन्न प्रकार के Multimedia का प्रयोग किया जाता है। Web Pages Develop करने के लिए हमें किसी विशेष Compiler या Software की जरूरत नहीं होती है ना ही Web Pages के Output को देखने के लिए ये जरूरी होता है कि हम Internet से Connected हों। हम किसी Web Site के विभिन्न Pages को Notepad में Develop कर सकते हैं, और उसे Internet Explorer या ऐसे ही किसी Browser में Embed करके यानी Run करके देख सकते हैं कि ये Web Pages Internet पर Run होने पर किस प्रकार के दिखाई देंगे।
Web Pages Develop करने के लिए कुछ Basic तैयारियां करनी होती हैं। यानी हमें ये तय करना होता है कि हम Web Pages को किन लोगों के लिए Develop कर रहे हैं और उन लोगों को Web Pages द्वारा क्या जानकारी देना चाहते हैं। हम जो जानकारी देना चाहते हैं, उसके Contents को पूरी तरह से Develop करने के बाद हमें उन Contents को Web Pages के रूप में Represent करना होता है। अपने Contents को Web Pages में Represent करने के लिए हमें HTML (Hyper Text Markup Language) Tags का प्रयोग करना होता है।
HTML Tags ऐसे Tags होते हैं, जिन्हें सभी Computers Platforms समान रूप से Support करते हैं, इसलिए हम जिस Web Site को Develop करके Internet के Web Server पर Store कर देते हैं, वह Web Site विभिन्न प्रकार के Hardware व Platform को Use करने वाले सभी लोगों को समान रूप से दिखाई देती है। HTML Pages बनाने के लिए हमें HTML के विभिन्न Tags को एक Notepad में लिखना होता है और उस Notepad की File को .HTML नाम से Save करना होता है। जब हम किसी Notepad में Create की गई File को .html Extension से Save करते हैं, तब वह File Internet Explorer यानी किसी Web Browser में Open होने वाली File बन जाती है। हम Windows Platform पर काम कर रहे हैं, इसलिए हम हमारी सभी Files को Internet Explorer में Open होगी।
HTML Tags for Web Pages
HTML File बनाने के लिए हमें जो Tabs लिखने होते हैं, वे Tabs भी कुछ विशेष तरीके से लिखने होते हैं। एक Web Page में Contents व Tags यानी कुल दो चीजें होती हैं। Tags वे Commands होते हैं जिन्हें Web Browser समझता है और उनके आधार पर दिए गए Contents को विभिन्न प्रकार के Web Pages पर Display करता है। विभिन्न प्रकार के HTML Tabs को Opening व Closing Bracket ( < > ) के बीच लिखा जाता है। साथ ही विभिन्न प्रकार के Contents को < > व के बीच लिखा जाता है। ” / ” का चिन्ह एक Tag के अन्त को दर्शाता है। एक Web Page के विभिन्न Tags व Contents को <HTML> व </HTML> Tags के बीच लिखा जाता है। किसी भी Web Page के मुख्यतः तीन भाग होते हैं:
Comment Section
ये एक Optional Section है। हम चाहें तो इसे बिना Specify किए हुए भी Web Page Develop कर सकते हैं। Comments किसी Web Page के बारे में General जानकारी देते हैं। Comment देने के लिए <!– > के बीच Statement लिखा जाता है।
हालांकि Comment Text Web Pages में Front में दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन फिर भी ये Web Pages के साथ Client के Computer में Download तो होते ही हैं, इसलिए हमें हमारे Web Page में कम से कम Comment लिखने चाहिएं। हालांकि हम Web Page में कहीं भी और कितनी भी बार Comment लिख सकते हैं।
Head Section
ये भी एक Optional Section है। हम चाहें तो इसे भी बिना Specify किए Web Page Develop कर सकते हैं। Head Section को व Tag द्वारा Define किया जाता है। इस Tag का प्रयोग Web Page का नाम यानी Title देने के लिए किया जाता है। इस Section में व के बीच में हम जो Text लिख देते हैं, वह Text Web Page के Title Bar में दिखाई देने लगता है। Web Page में दिखाई देने वाले Title को निम्नानुसार Tags द्वारा Define किया जा सकता हैः
<title>BetaLab Computer Center</title>
Body Section
ये भी एक Optional Section है। Head Section के बाद में Body Section आता है, जहां हम Web Page के Contents लिखते हैं और विभिन्न प्रकार के Multimedia का प्रयोग भी यहीं पर करना होता है। उन्हें विभिन्न तरीकों से Web Page पर दर्शा सकते हैं।
Adding Applet in HTML File
जिस तरह से हम विभिन्न प्रकार के Tags का प्रयोग करके विभिन्न प्रकार से किसी Web Page को Design करते हैं, उसी तरह से किसी Applet को HTML Page में Embed करने के लिए हमें Tag का प्रयोग करना पडता है। इस Tag में हमें ये Specify करना होता है कि Web Page में Embed किए जाने वाले Applet का नाम क्या है और उस APPLET की Web Page में Size क्या होगी। यदि हमें किसी HellJava नाम के Applet को Web Page में Embed करना हो, तो हमें निम्नानुसार APPLET Tag Code लिखना होता हैः
<head> <title>Betalab Computer Center</title> </head> <body> <center> Welcome to the world of Java. </center> <center> <applet code="HelloJava.class" height="200" title="Java" width="400"></applet> </center> </body> </head>
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Java Programming Language in Hindi | Page: 682 | Format: PDF