Entities and Data Relationships: Database वह स्थान होता है, जिसमें Data को ना केवल Store किया जाता है, बल्कि उन Store होने वाले Data के बीच की आपसी Relationship की Information को भी Store किया जाता है। Database के Concept का मुख्य आधार ये है कि किसी समस्या से सम्बंधित जानकारियों को चाहे बहुत सारे User Access कर रहे हों या फिर चाहे एक User Access कर रहा हो, User को इस बात की चिन्ता करने की जरूरत नहीं होती है कि समस्या से सम्बंधित विभिन्न प्रकार के Data Computer में किस प्रकार से Store हो रहे हैं।
User अपने Database से विभिन्न प्रकार के Data को केवल उनकी Relationship के आधार पर Access करके विभिन्न प्रकार की Database Related Information Generate करता है। हालांकि User अपने Data को Logically Access करता है जबकि Data वास्तव में Physically Store होते हैं। इसलिए User व Database के बीच के आपसी Conversation को एक दूसरे Form में Translate करके एक दूसरे को Available करवाने का काम एक Software करता है, जिसे Database Management System Software (DBMS) कहा जाता है।
हम जिस Formal Way को Use करके विभिन्न प्रकार के Data Relationship किसी DBMS Software को Express करते हैं, उस Formal तरीके को Data Model कहा जाता है। हम जिस Relational Data Model को इस Tutorial में पढेंगे, वह केवल एक Formal Structure ही होता है। इससे पहले कि हम किसी Database को Design करें, हमें Store किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के Data के बीच की आपसी Relationships को Identify करना होता है।
सामान्यतया विभिन्न प्रकार के DBMS Softwares केवल एक ही Data Model को Support करते हैं। इसलिए जब हम किसी DBMS Software को Choose कर रहे होते हैं, तब हम वास्तव में अपने Data Model को भी Choose कर रहे होते हैं। (Entities and Data Relationships)
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Oracle 8i/9i SQL/PLSQL in Hindi | Page: 587 | Format: PDF