History of Java Programming Language

History of Java Programming Language: Java का विकास Sun Microsystems के एक Developer James Gosling ने किया था। उन्हें इसका विकास करने की जरूरत इसलिए पडी क्योंकि वे “C++” Language का प्रयोग करके एक Project बना रहे थे लेकिन उन्हें वह परिणाम प्राप्त नहीं हो पा रहा था जो वे चाहते थे। इसलिए उन्होंने स्वयं एक Language Develop की जिससे उनकी Requirement पूरी हो सके। इसी Language का नाम “Java” है।

Java को सीखना किसी भी अन्य Language को सीखने की तुलना में अधिक सरल है। ज्यादातर Languages एक दूसरे के लगभग समान ही हैं। इसलिए यदि एक Language में Mastery कर ली जाए तो बाकी की अन्य Languages में किसी Programmer को ज्यादा परेशानी नहीं आती है। वह आसानी से किसी भी Language में पकड बना लेता है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि उसे कम से कम एक Language में काफी जानकारी हो।

जो लोग पहले “C” या “C++” या दोनों सीख चुके हैं उन्हें Java को सीखने में कोई परेशानी नहीं आती है बल्कि वे उन लोगों की तुलना में ज्यादा जल्दी से Java को सीख लेते हैं और Java पर पकड बना लेते हैं, जिन्होंने “C” या “C++” नहीं सीखी है। अगर हम ऐसा कहें कि Java “C” व “C++” का मिलाजुला रूप है और Java में से उन चीजों को हटा दिया गया है, जिनको “C” व “C++” Language में सीखने में परेशानी आती थी, तो गलत नहीं होगा।

लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि Java को सीखने से पहले “C” व “C++” को सीखना जरूरी है। हालांकि यदि पहले “C” व “C++” सीखा जाए तो Java को समझना व सीखना सरल होता है लेकिन फिर भी हम Java से Programming सीखना शुरू कर सकते हैं। ये अपने आप में ही एक पूर्ण Language है। Java सीखने के बाद भी किसी भी अन्य Language को उतनी ही आसानी से सीखा जा सकता है जितनी आसानी से किसी और Language को सीखने के बाद Java को सीखा जाता है।

High Level Programming Languages के विकास की यदि बात करें, UNIX Operating System के लिए एक भाषा का विकास किया गया था, जिसका नाम “C” Language दिया गया। इस भाषा का विकास मुख्‍य रूप से Operating System UNIX को Develop करने के लिए किया गया था। UNIX Operating System Develop हो जाने के बाद UNIX Operating System के लिए Applications Software को Develop किया जाने लगा।

चूंकि “B” Language का विकास एक System Software को Develop करने के लिए किया गया था, इसलिए विभिन्न Programmers को इस Language में UNIX के लिए Application Software लिखने में परेशानी आती थी। इसलिए इस “B” Language को और सरल बनाया गया ताकि Programmers इस Language में Application Programs Develop कर सकें। इस Developed Language को “C” Language नाम दिया गया। “C” Language शुरूआत में काफी उपयोगी साबित हुई लेकिन जिस तरह से हर चीज में विकास होता है, उसी तरह से Computer Technology में भी विकास हुआ।

धीरे-धीरे Application Software इतने बडे व जटिल होने लगे, कि “C” Language में Develop किए गए Programs को Manage व Maintain करना काफी कठिन हो गया। साथ ही जैसे-जैसे समय बीतता गया, Software की जटिलता भी बढती गई। इसलिए एक बार फिर Programmers को ये महसूस होने लगा कि उन्हें कुछ और अधिक सरल तरीके की जरूरत है, जिससे वे बडे व जटिल Programs को Handle कर सकें। ये नया तरीका भी जरूरत के अनुसार Develop किया गया और इस तरीके को Object Oriented System कहा गया। इस Object Oriented System को ध्यान में रख कर Programming language “C” में फिर विकास किया गया और इस विकास का परिणाम “C++” Programming Language के रूप में प्राप्त हुआ।

हालांकि आज Java का जिस उद्‌देश्‍य के लिए ज्यादातर प्रयोग किया जा रहा है और जावा जिस प्रकार की Programming के लिए जानी जाती है, वास्तव में Java का विकास इसके लिए नहीं किया गया था। जावा का विकास General Electronic Equipments को अधिक समझदार बनाने के लिए किया जा रहा था, ताकि विभिन्न प्रकार के Equipments को Artificial Intelligence प्रदान की जा सके। हालांकि ऐसा तो नहीं हो सका, लेकिन जावा एक Dynamic Internet Programming Language के रूप में काम आने लगी।

Java का विकास करने वाले लोग जिस Project पर काम कर रहे थे, वे उसमें “C++” Language का प्रयोग कर रहे थे, जो कि “C” Language का ही विकसित रूप है। लेकिन वे जो करना चाहते थे, वैसा “C++” के प्रयोग से नहीं कर पा रहे थे। इसलिए उन्होंने एक नई Language Develop की। इस Language को उन्होंने “C” व “C++” के आधार पर ही Develop किया है। वे Java को एक बहुत ही सरल Language बनाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने “C” व “C++” के सभी आसान Concepts को ज्यों का त्यों उपयोग में लिया और जटिल Concepts को छोड दिया।

उन्होंने Java Language के Programming Syntax को भी लगभग वैसे ही उपयोग में लिया जिस तरह से “C” व “C++” में लिया जाता है। साथ ही उन्होंने कई अन्य Languages के Concepts का भी प्रयोग जावा में किया ताकि इसमें किसी भी प्रकार का Software आसानी से बनाया जा सके और Software पूरी तरह से विश्‍वसनीय बने।

इस तरह से Java केवल “C” व “C++” का Modified Version ही नहीं है, बल्कि कई अन्य Languages के Concepts पर आधारित एक पूर्ण Programming Language है। हालांकि इसके ज्यादातर Syntax व Coding Procedures “C” व “C++” Language के अनुसार हैं, इसलिए इसे “C++” Language का Modified Version भी कहा जा सकता है।

जैसे-जैसे जरूरत बढती जाती है और जरूरत का स्वरूप बदलता जाता है, वैसे-वैसे Programming Languages को भी Develop करना जरूरी हो जाता है, ताकि वर्तमान की विभिन्न जरूरतों को पूरा किया जा सके। इसी तथ्य पर अब जावा से आगे की Language को Microsoft Company ने Develop किया है। इस Language का नाम “C#” (CSharp) है। इस Language में “C”, “C++”, JavaVisual Basic चारो Languages की विभिन्न विशेषताओं को Include किया गया है।

Microsoft इस Language में Software Development के लिए पूरा IDE प्रदान करता है, जिसमें आज की जरूरत के अनुसार विभिन्न कामों को किया जा सकता है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि Java अब पुरानी हो चुकी है। आज भी Java का Market में अपना एक अलग व महत्वपूर्ण स्थान है और Java को सीखे व समझे बिना, अगली Generation की Languages को समझना काफी मुश्किल है।

हालांकि जावा का विकास जिस काम के लिए किया जा रहा था, उस काम के लिए जावा उपयोगी नहीं बन पाया। लेकिन जब जावा के Developers ने देखा कि इस Language का प्रयोग Internet की Interactive Programming में काफी उपयोगी साबित हो सकता है, तब उन्होंने इस Language को Internet के लिए Develop करना शुरू किया। वे जिस Platform Independent Equipment Technology पर काम कर रहे थे, वह तकनीक Internet के लिए उपयोगी साबित हो गई। (History of Java Programming Language)

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Java Programming Language in Hindi | Page: 682 | Format: PDF

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