How to Build an Android App – जब एक बार हम उपरोक्तानुसार तरीके से अपने Android Device को अपने Development Computer के साथ Connect कर लेते हैं, उसके बाद अब हम अपने “Hello World” Application को Command Prompt के माध्यम से Compile कर सकते हैं तथा अपने Attached Android Device पर उसे Run करके उसका Output भी देख सकते हैं।
Default रूप से हम gradle.build Settings का प्रयोग करते हुए कुल दो तरीकों से अपने Android Application को Compile करके उसका Executable Installer Package Create कर सकते हैं:
- Debug: अपने Application की Debugging के लिए
- Release: अपने Application की Final Releasing के लिए
हम उपरोक्त दोनों में से चाहे जिस किसी भी प्रकार का Package Create करें, अपने Android App को किसी Device या Emulator पर Install करने से पहले उसे Signed करना जरूरी होता है जहां Debug Mode के लिए एक Debug Key को Use करते हैं, जबकि Release Mode के लिए Create किए जाने वाले Package को Signed करने हेतु एक Private Key को Use करते हैं।
ये Key बहुत ही महत्वपूर्ण Key होती है क्योंकि इसी Key के माध्यम से हम Google PlayStore पर Upload किए गए किसी App के नए Updated Version को Update कर सकते हैं। यदि हम अपने इस Signed Key को भूल जाऐं, तो अपने Android App के Latest Updated Version को Google PlayStore पर Upload नहीं कर सकते।
हम Debug या Release में से चाहे जिस किसी भी प्रकार का Package Create करें, हमें हमारे Module को Build करना होता है, जिसके परिणामस्वरूप .apk Extension वाली एक File Create होती है, जो कि Android Platform की Installer File होती है, जिसे किसी Actual Device या Emulator पर Install करके उसकी Working को Test किया जा सकता है।
जब हम Debug Build Type को Use करते हुए अपने Android App को Build करते हैं, तो इस प्रकार से Create होने वाली .apk File, SDK Tools द्वारा Generated एक Debug Key द्वारा Automatically Signed हो जाती है, जो कि उस स्थिति में Automatically Generate होता है, जब हमारे Android App के Module की gradle.build File में “debuggable true” Specify किया गया होता है।
इसलिए इस तरीके से Build होने वाली .apk File किसी भी Device या Emulator पर तुरन्त Install होकर Run होने के लिए तैयार रहती है, लेकिन हम किसी भी ऐसी .apk File को Professionally Distribute नहीं कर सकते, जो कि Debug Key से Signed हो, बल्कि जब हमारा Android App Distribution के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाता है, तब हमें हमारे Android App को gradle.build File के Module में Specified Keytool व Jarsigner Settings के माध्यम से एक Private Key का प्रयोग करते हुए Manually Sign करना पडता है।
जब हम Android Studio का प्रयोग करते हुए अपना Android App Create करते हैं, तब Automatically Generate होने वाली सभी Files के साथ gradle.build नाम की एक File भी Create होती है, जिसमें उस Android App को Build करने से सम्बंधित Configurations Specified होते हैं, लेकिन जब हम पिछले Section में Discussed तरीके से Command Prompt का प्रयोग करते हुए नया Android Application Create करते हैं, तो उस स्थिति में अपने Android App को Build करते हुए उसका Installer Create करने के लिए हमें Apache Ant को Use करना पडता है।
Installing Apache Ant
Android Applications को Command Prompt द्वारा Compile करने का काम Apache Ant Software द्वारा किया जाता है। इसलिए Java SDK व Android SDK Install व Configure करने के बाद हमें Apache Ant को भी Download करके अपने Computer System पर Install करना होता है, जहां Apache Ant के Latest Version की Compressed File को अपने Operating System के अनुसार http://ant.apache.org/bindownload.cgi से Download किया जा सकता है।
चूंकि हम Windows Platform के लिए Apache Ant को Install करना चाहते हैं, इसलिए हमें Apache Ant के .zip Version को Download करना होता है और क्योंकि Apache Ant एक Zipped File होता है, इसलिए इसे Install करने के लिए हमें सबसे पहले इसे Extract करना होता है और फिर उस Extracted Directory का Path ठीक उसी तरह से ANT_HOME नाम के एक Global Environment Variable Create करके उसमें Value के रूप में Set करना होता है, जिस तरह से Java SDK का Path JAVA_HOME नाम के Global Environment Variable में Set करके किया जाता है। जैसे:
यहां हम ये मान रहे हैं कि हमने Apache Ant को “C:” Drive में “apache-ant-1.9.4” नाम के Folder में Extract किया है। इसलिए ANT_HOME नाम के Global Environment Variable की Value के रूप में “C:\apache-ant-a.9.4” Set किया है।
जब एक बार JAVA_HOME की तरह ही ANT_HOME नाम के Global Environment Variable को Set कर दिया जाता है, उसके बाद हमें इनकी “\bin” Directory को Path में Add करना होता है, ताकि हम किसी भी Folder से “\bin” Directory में Exist Tools व Commands को Execute कर सकें और ऐसा करने के लिए हमें इसी “Environment Variables” Dialog Box में निम्न चित्रानुसार Path नाम के Global Environment Variable को Edit करना होता है:
जैसे ही हम इस “Path” Variable को Select करके “Edit…” Button को Click करते हैं, हमारे सामने निम्न चित्रानुसार एक नया “Edit System Variable” Dialog Box दिखाई देता है:
जहां हमें Java के “bin” Folder को Path में Add करने के लिए “$JAVA_HOME\bin” तथा Apache Ant के “bin” Folder को Path में Add करने के लिए “$ANT_HOME\bin” को Variable Value के रूप में Specify करना होता है।
जब एक बार “OK” Button पर Click करके हम इन दोनों “bin” Folders को Path में Add कर देते हैं, उसके बाद यदि हम Command Prompt Open करके उसमें निम्न चित्रानुसार “java –version” या “ant –version” Command लिखते हैं, तो बिना किसी परेशानी के ये Commands Execute होते हैं और हमें Java व Apache Ant का Version Number Return करते हैं:
इन दोनों Commands के Normal तरीके से Run होने का मतलब यही है कि हमारे Computer System पर Java SDK व Apache Ant दोनों Proper तरीके से Installed व Configured हैं और हम Command Prompt के माध्यम से जहां से चाहें वहां से इन्हें Execute कर सकते।
Building in Debug Mode
जब उपरोक्तानुसार तरीके से Apache Ant को Install करके Configure कर लिया जाता है, उसके बाद हम हमारे Android App को Command Prompt द्वारा Compile करते हुए Build कर सकते हैं ताकि हम अपने Application को किसी Device या Emulator पर Install करते हुए Test व Debug कर सकें।
Debug Mode में अपने Android App को Command Prompt के माध्यम से Compile करते हुए Build करने के लिए हमें सबसे पहले अपने Newly Created Android App के Folder में पहुंचना होता है और निम्न चित्र में दर्शाए अनुसार “ant debug” Command Execute करना होता है:
इस Command के Successfully Run होने पर Current Android App, Debug Mode में Build हो जाता है और हमें निम्नानुसार “BUILD SUCCESSFUL” Information प्राप्त होता है:
Successfully Build होने पर Current Android App के Folder में “bin” नाम की एक और नई Directory Create होती है, जिसमें <project_name>-debug.apk नाम से निम्न चित्रानुसार एक Installer File Create हो जाती है:
हम जितनी बार भी अपने Android App की किसी Source File में कोई Change करते हैं, उसे फिर से “ant debug” Command द्वारा Build करना पडता है और अपने Android App को Test करने के लिए हमें .apk Installer को किसी Device या Emulator पर Install करके Run करना होता है।
Building in Release Mode
जिस तरह से पिछले Section में हमने Debug Mode के लिए Android App को Build किया है, ठीक उसी तरह से Release Mode हेतु Android App को Build करने के लिए हमें “ant release” Command को Execute करना होता है। जैसे:
जिसके Successfully Execute होने पर हमें निम्नानुसार “BUILD SUCCESSFUL” Information प्राप्त होता है:
Successfully Build होने पर Current Android App के Folder में “bin” नाम की Directory में <project_name>-release-unsigned.apk नाम से निम्न चित्रानुसार एक Installer File Create हो जाती है:
जब हमारा Android App पूरी तरह से तैयार हो जाता है, तब उसे Distribute करने के लिए हम जो .apk Installer Create करते हैं, उसे “ant release” Command द्वारा Create करते हैं, जो कि सभी प्रकार की Testing व Debugging के बाद हमारा Final Installer होता है। लेकिन इस Final Installer को हमेंशा एक Private Key द्वारा Manually Sign करना होता है, अन्यथा हम इस Installer को किसी Device या Emulator पर Install करके Run नहीं कर सकते और जब हमारा Installer Unsigned होता है, तब Create होने वाली .apk File के साथ “unsigned” शब्द Included होता है।
उदाहरण के लिए उपरोक्त चित्र में हमारे Android App का नाम “MyFirstAndroidApp-release-unsigned.apk” है, जिसमें “unsigned” शब्द Included है और ये शब्द इसी बात का Indication है कि हमारा Final Installer अभी भी Unsigned है।
एक Unsigned Installer को तब तक किसी Device पर Install करके Run नहीं किया जा सकता, जब तक कि उसे Manually Signed न किया गया हो। इसलिए जब हम उपरोक्तानुसार तरीके से एक Unsigned .apk Create करते हैं, तब हमें उसे एक Private Key का प्रयोग करते हुए Manually Sign करके Zipling Tool के साथ Align करना होता है।
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Android in Hindi | Page: 628 | Format: PDF