Java Application V/s Java Applets – The Differences
- Applications व Applets दोनों ही जावा Programs होते हैं, लेकिन दोनों ही प्रकार के Programs में कुछ अन्तर होता है। Applets कभी भी Full Featured Application Programs नहीं होते हैं। सामान्यतया इन्हें किसी छोटे से काम को पूरा करने के लिए लिखा जाता है। चूंकि इन्हें Internet पर Run करने के लिए Design किया गया है, इसलिए इनकी Design की कुछ सीमाएं हैं।
- Applets में Codes के Initialization के लिए main() Method नहीं होता है। जब Applets Web Browser में Load होते हैं, तब Applet के Codes Automatically Applet Class के कुछ Methods को Call करके Applet को Start व Execute करते हैं।
- Applications की तरह Applets स्वतंत्र रूप से Run नहीं हो सकते हैं। इन्हें Run होने के लिए Web Page की जरूरत होती है, जिसमें कुछ Codes लिख कर Applets को HTML Web Page में Embed किया जाता है।
- Applets कभी भी Local Computer के Resources को पूरी तरह से Access नहीं कर सकते हैं। यानी Applets द्वारा हम किसी Local Computer की किसी File में Data को Write नहीं कर सकते हैं और ना ही Local Computer पर उपलब्ध किसी File के Data को Read कर सकते हैं।
- Applets, Network पर उपलब्ध किसी अन्य Server से किसी प्रकार का कोई Communication नहीं कर सकते हैं।
- Applets किसी Local Computer के किसी Program को Run नहीं कर सकते हैं।
Preparation – The Applet Writing
जावा Applet Programs लिखने से पहले हमें इसके लिए कुछ तैयारियां कर लेनी चाहिए। सबसे पहले तो हमें ये तय करना होता है कि किसी Program में जावा Applet को कब Use करना चाहिए। इसका जवाब निम्नानुसार हैः
- जब हमें हमारे Web Page में कुछ Multimedia Operations को Perform करना हो व अपने Web Page को Dynamic व Interactive बनाना हो, तब हमें अपने Web Page में Java Applet को Use करना चाहिए। उदाहरण के लिए Share – Market को ही लेते हैं। जब Trading हो रही होती है, तब हर क्षण विभिन्न Shares की कीमतों में Change होता रहता है। इन कीमतों के आधार पर विभिन्न प्रकार के Dynamic Graph बनाए जाते हैं। इन विभिन्न प्रकार के Graphs को Computer में Web Page पर Dynamically तभी दर्शाया जा सकता है, जब हम Web Page में Multimedia को Use करें और Web Page पर Multimedia Use करने की सुविधा हमें जावा Applet द्वारा प्राप्त होती है।
- जब हमें हमारे Web Page में कुछ Flash Outputs प्रदान करने होते हैं, तब भी हमें Java Applets को Use करना जरूरी हो जाता है। जैसे मानलो कि हमारे Web Page को यदि कोई Hacker Hack करने की कोशिश करे, तो Web Page से एक विशेष प्रकार की Sound Play होनी चाहिए, और Web Page के कुछ Matters Blink होने चाहिंए। यदि हम हमारे Web Page में इस प्रकार की सुविधा चाहते हैं, तो हमें हमारे Web Page में Java Applet को Use करना चाहिए।
- जब हम किसी Program को Develop करते हैं और उसे अन्य Users के उपयोग के लिए Internet पर उपलब्ध करवाना चाहते हैं, तब हमें जावा Applet का उपयोग करना चाहिए।
System Package – Predefined Library of Java Classes
Reusability Object Oriented Programming System (OOPS) का एक महत्वपूर्ण Concept है। इस Concept के अन्तर्गत हम किसी काम को करने के लिए जिस Coding को एक बार लिख देते हैं, उस Coding का प्रयोग बार-बार कर सकते हैं। जावा एक पूर्ण Object Oriented Programming Language है, इसलिए जावा में हम OOPS के इस Concept को पूरी तरह से Apply कर सकते हैं और विभिन्न प्रकार के Common Program Codes को इस तरह से लिख कर Store कर सकते हैं, जिन्हें बिना दुबारा लिखे या Modify किए ज्यों का ज्यों फिर से Use कर सके। जावा में इस काम को जिस Concept के आधार पर Perform किया जाता है, उसे Package कहते हैं।
Package को हम ऐसी Classes की Library भी कह सकते हैं, जिन्हें बार-बार Use किया जा सकता है। यदि दूसरे शब्दों में कहें तो कह सकते हैं कि Particular किसी एक काम को करने से सम्बंधित सभी Classes को यदि एक Group के रूप में परिभाषित करके Store कर दिया जाए, तो जावा में इस Classes के इस Group को Package कहते हैं। यानी एक Package एक ही काम से सम्बंधित विभिन्न प्रकार की Classes का एक Container होता है।
Java API (Application Programming Interface) Programmer को Java Application Development से सम्बंधित विभिन्न प्रकार के Predefined Components प्रदान करता है। इन विभिन्न प्रकार के Predefined Components (Program Codes) को उनके काम के आधार पर विभिन्न प्रकार के Group में विभाजित किया गया है, जिन्हें Package कहते हैं। जावा में हम जो भी Program बनाते हैं, उनमें विभिन्न प्रकार की Predefined Classes को Use करते हैं, जो कि किसी ना किसी Package का हिस्सा होते हैं और ये सभी Packages Java API के हिस्से हैं। इसलिए हम Directly या Indirectly Java API को Use करके ही अपना Program बनाते हैं।
यदि हम सारांश में कहें तो कह सकते हैं कि Java हमें कुछ Built-In या Predefined Classes प्रदान करता है, जिन्हें हम बिना किसी प्रकार का Modification किए ज्यों का त्यों अपने Program में Reuse कर सकते हैं। इन Predefined Classes को उनकी Functionality के आधार पर Group में Store किए गए हैं, जिन्हें Packages कहते हैं और ये विभिन्न प्रकार के Packages, Java API के हिस्से हैं। इसलिए यदि हम किसी Java Package को अपने Program में Use करना चाहें, तो हमें उस Package को अपने Program में Use करना जरूरी होता है।
Using – The System Packages
जावा में विभिन्न प्रकार के Packages को Hierarchical Structure में Organize किया गया है। विभिन्न प्रकार की Classes विभिन्न प्रकार के Packages में Stored रहते हैं और विभिन्न प्रकार के Packages Java API नाम के Java Platform के हिस्से हैं। इस निम्नानुसार चित्र द्वारा सरलता से समझ सकते हैं:
विभिन्न प्रकार की Required Classes को उनके Package से अपने Program में Reuse करके Access करने के दो तरीके हैं। पहला तरीका ये है कि अपने Program में जिस Class की जरूरत है उसी Class को अपने Program में Include किया जाए। केवल Required Class को ही अपने Program में Include करने के लिए हमें उस Class का पूरा Qualified नाम लिखना जरूरी होता है। उदाहरण के लिए मान लो कि हमें हमारे Program में awt Package के केवल Color Class व Font Class की जरूरत है, तो केवल इन दोनों Class को अपने Program में Reuse करने के लिए हमें निम्न निम्नानुसार Statement लिखना होगाः
import java.awt.Color ;
import java.awt.Font ;
हम जानते हैं कि सभी प्रकार के Packages Java API का हिस्सा हैं, इसलिए हमें जिस किसी भी Package की Class को Use करना हो, Java के साथ उस Package के नाम को Dot Operator के साथ लिखना होगा। हालांकि awt Package में कई Classes व Subclasses हैं, लेकिन हमें केवल Color Class के Codes व Font Class के Codes को ही अपने Source Program में Reuse करना है, इसलिए हमने Package के नाम के साथ उस Required Class के नाम को Dot Operator द्वारा Specify कर दिया है। हमारे Source Program में किसी Predefined Class के Codes को Include करने का काम import नाम का शब्द करता है, जो कि Java का एक Keyword या Reserve Word होता है।
Keyword / Reserve Word
Keyword या Reserve Word कुछ ऐसे शब्द होते हैं, जिनका जावा Compiler के लिए विशेष अर्थ होता है। जब भी हम हमारे Program में किसी Keyword को Use करते हैं, जावा Compiler उस Keyword के लिए निर्धारित काम करने के लिए बाध्य हो जाता है। उदाहरण के लिए यदि हम import Statement को ही लें, तो जावा Compiler को जैसे ही import Keyword प्राप्त होता है, वह उस Predefined Program Code को Source Program में Reuse कर लेता है, जिसका नाम इस Keyword के बाद लिखा गया होता है।
यदि हमें हमारे Program में Particular किसी एक ही Class को Use करना हो, तो उपरोक्त तरीके से उस Class को अपने Source Program में Reuse किया जा सकता है। लेकिन यदि हमें Particular किसी एक Class की नहीं बल्कि किसी Package की सभी Classes की अपने Source Program में जरूरत हो, तो हमें * Operator का निम्नानुसार प्रयोग करना जरूरी होता हैः
import java.awt.* ;
import java.applet.*.
जब हम इस तरह का Statement लिखते हैं, तो इसका मतलब होता है, कि हम awt Package की सभी Predefined Classes को अपने Source Program में Reuse करने के लिए Import कर रहे हैं, जो कि स्वयं java नाम के Package में उपलब्ध है। इसी तरह से दूसरे Statement द्वारा हम applet Package की सभी Classes को अपने Program में बिना फिर से लिखे हुए Use कर रहे हैं, जो कि स्वयं java नाम के Package में उपलब्ध है।
इस तरह से हम दो तरीकों से किसी पहले से बनी Class को उसकी Class Library द्वारा Access करके अपने Program में Use कर सकते हैं। यदि हम चाहें तो बिना import Keyword का Use किए हुए भी किसी Predefined Package के किसी Class को Directly Access कर सकते हैं। इसके लिए हमें Class को Access करते ही उसका Object Create करना जरूरी होता है। यानी
java.awt.Button OKBtn;
इस तरह से हम हमारे Program में बिना import Statement का प्रयोग किए हुए भी Predefined Button Class को Use कर सकते हैं, लेकिन ये Class केवल OKBtn Object के लिए ही उपयोगी होगी। ये Button Create करके हमारे Program से फिर से Invisible हो जाएगी। इसलिए import Statement का प्रयोग करके इसे अपने Program में Use करना ठीक रहता है, अन्यथा हमें हर Class का पूरा Path ध्यान रखना जरूरी हो जाता है।
Building – The Applet Code
Applets को कभी भी Console Mode में Run नहीं किया जा सकता है। ये हमेंशा किसी ना किसी Web Browser Window में या फिर एक Special Program जिसे Applet Viewer कहते हैं, में ही Run होते हैं। चूंकि सभी Java Applets Graphical होते हैं, इसलिए इन्हें GUI Mode में ही Run किया जा सकता है। जावा में Graphical User Interface बनाने के लिए AWT (Abstract Windowing Toolkit) नाम की एक Class Library या Package है, जिसमें Applet पर Graphics Display करने से सम्बंधित विभिन्न प्रकार की Classes को परिभाषित किया गया है।
चूंकि हर Applet एक Window में Run होता है, इसलिए हर Applet के लिए हमें Window Support को प्राप्त करना जरूरी होता है और Window Creation व Management से सम्बंधित जावा की जितनी भी Classes हैं, वे सभी Classes AWT नाम के Package में उपलब्ध हैं, इसलिए हमें इस Package को अपने हर Applet Program में Include करना जरूरी होता है।
चूंकि किसी Applet को हमेंशा GUI Form में ही Display किया जा सकता है, इसलिए किसी Applet को GUI Form में Display करने के लिए जिन Functionality की जरूरत होती है, उन्हें applet नाम के एक Package में Predefined कर दिया गया है, जिन्हें हम बिना Extra Coding किए हुए ज्यों का त्यों Reuse कर सकते हैं। अतः यदि हम Applet Development कर रहे हैं, तो हमें इस Package को भी अपने Source Program में Import करना जरूरी होता है ताकि हम Applet से सम्बंधित सामान्य Functionality को प्राप्त कर सकें। इस प्रकार हम समझ सकते हैं कि एक Applet Develop करने के लिए हमें applet Package और awt Package को अपने Program में Include करना जरूरी होता है और इन्हें अपनी Source File में Include करने के लिए हमें निम्न Statement लिखने होते हैं।
import java.applet.*; // Statement 01 import java.awt.*; // Statement 02
Applet Package – The Applet Class
applet Package Java API का सबसे छोटा Package है और Applet Class इस Package की इकलौती Class है। applet Package में Applet Class के अलावा दूसरी कोई Class ही नहीं है। जब भी हम किसी ऐसे Web Page को Open करते हैं, जिसमें Applet Embed होता है, तो वह Applet Automatically Web Browser में Load हो जाता है। चूंकि Applet हमेंशा किसी ना किसी HTML File या Web Page में Run होते हैं, जो कि किसी ना किसी Browser में Load होते हैं, इसलिए Applet के इस Environment को “Context of the Applet” कहा जाता है।
Applets व Applications दोनों को ही Compile करने के लिए हमें javac Compiler का प्रयोग करना पडता है, जबकि एक Console Mode Application को Execute करने के लिए हमें java Interpreter का प्रयोग करना पडता है और एक GUI Applet को Execute करने के लिए हमें Appletviewer का प्रयोग करना पडता है। किसी Applet को हम ऐसे Browser द्वारा भी देख सकते हैं, जो Java Enabled हो। Netscape Navigator एक Java Enabled Browser है, जिसमें Applets को बिना Appletviewer का प्रयोग किए देखा जा सकता है। (How to Create a Simple Applet Program in Java)
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Java Programming Language in Hindi | Page: 682 | Format: PDF