HTTP (Hyper Text Transfer Protocol) – सभी Web Technologies पूरी तरह से HTTP के माध्यम से ही Web Application Develop करने की सुविधा Provide करते हैं। फिर इस बात से कोई फर्क नहीं पडता कि हम ASP.NET Use कर रहे हैं, PHP Use कर रहे हैं या JSP Use कर रहे हैं।
बिना HTTP Protocol को Use किए हुए कोई भी Web Application बनाना सम्भव नहीं है। इसलिए इससे पहले कि हम JSP को समझें, हमारे लिए Web Application की Working को समझना और ये जानना जरूरी है कि एक Web Application पर किस प्रकार से Client/Server Architecture Apply होता है, Web Application के मुख्य हिस्से कौन-कौन से होते हैं और वे किस तरह से एक Web Application को Form करने में अपना Role Play करते हैं।
हालांकि एक JSP Developer के रूप में हमारे लिए इस बात को जानना जरूरी नहीं होता कि HTTP Protocol Internally किस प्रकार से काम करता है, लेकिन जब हम JSP Use करते हैं, तब HTTP Protocol एक JSP Page के लिए कुछ Limitations व Restrictions भी Create करता है, जिनके बारे में जानना हमारे लिए काफी जरूरी व उपयोगी होता है।
HTTP एक Lightweight व Generic Protocol है, जिसका प्रयोग HTML/XML Documents Deliver करने के लिए Web Browser जैसे किसी Client द्वारा किया जाता है क्योंकि World Wide Web पर विभिन्न प्रकार के Documents को Deliver करने वाला मुख्य Protocol HTTP ही होता है।
इतना ही नहीं, HTTP एक Stateless Protocol है। इसलिए जब एक बार Client Web Browser किसी Resource के लिए Web Server से Request करता है और Web Server द्वारा उस Request को Fulfill कर दिया जाता है, उसके बाद Client Web Browser व Web Server एक दूसरे से पूरी तरह से अनजान हो जाते हैं।
इसलिए यदि उसी Client Web Browser द्वारा उसी Web Server पर फिर से किसी Resource के लिए Request Perform किया जाए तो भी Web Server को इस बात का पता नहीं होता कि उस पर आने वाला Current Request उसी Client Web Browser से Receive हुआ है, जिससे पिछला Request Perform हुआ था। HTTP Protocol की इस विशेषता के कारण ही इसे Stateless Protocol कहा जाता है क्योंकि ये Protocol अपनी पिछली स्थिति (State) को भी Remember नहीं रख सकता।
Webpage – Request and Response
HTTP वह Protocol या Software Piece है, जो Web Browser के Addressbar में Specify किए जाने वाले Web Address के Resource को Web Browser में Load करने का काम करता है।
यानी Web Server व Web Browser के बीच जो Data Transfer होता है, उसे Handle करने का काम HTTP (Hyper Text Transfer Protocol) करता है। इस Protocol के अन्तर्गत Web Browser एक Client होता है, जो किसी Web Resource के लिए Request करता है जबकि Web Host वह Server होता है, जो Web Browser से आने वाली Request को पूरा करते हुए उसे उसका Required Web Resource Response के रूप में Available करवाता है, जहां Web पर उपलब्ध किसी भी File (HTML, XML, CSS, JavaScript, Image, Sound, Video etc…) को Web Resource कहा जाता है।
जब Web Browser के Address Bar में कोई URL (Uniform Resource Locator) (जैसे कि https://www.bccfalna.com) Specify किया जाता है या किसी Webpage पर Specified किसी Hyperlink को Click किया जाता है, तो Web Browser एक Request Message Create करके उसे Web Server पर भेज देता है, जिसके बदले में Web Server उस Resource को एक Response Message के साथ Web Browser को Available करवाता है। इस प्रकार से Client व Server के बीच HTTP के माध्यम से Resources का Transfer होता रहता है।