Java Data Types – Range and Limits

Java Data Types: Real World में भी Data (मान या मानों का समूह [Value or a Set of Values]) कई प्रकार के होते हैं। जैसे किसी व्‍यक्ति की उम्र को हम संख्‍या के रूप में दिखाते हैं जबकि उस व्‍यक्ति के नाम को Characters के समूह के रूप में परिभाषित करते हैं।

जावा में विभिन्न प्रकार के Data को Represent करने के लिए मुख्‍य रूप से दो तरह के Data Type बनाए गए हैं, जिन्हें क्रमश: Primary, Standard or Primitive Data Type Secondary, Abstract or Derived Data Type कहा जाता है।

Primitive Data Type Standard Data Type होते हैं, जबकि Derived या Abstract Data Type Primitive Data Type पर आधारित होते हैं। Java के विभिन्न Data Types को हम निम्नानुसार विभाजित कर सकते हैं:

Java Data Types - Range and Limits with Examples

Data Type किसी भी Programming Language का एक Fundamental Concept होता है। Data Type का प्रयोग करके एक Programmer Compiler को ये बताता है कि उसे किस प्रकार के मान को Store करना है। Compiler Programmer द्वारा तय किए गए Data Type के आधार पर दो काम करता है।

  • Compiler Data Type के अनुसार Memory Reserve करता है।
  • उस Reserved Memory को एक नाम देता है।

जिस तरह से Real World में छोटी चीज को रखने के लिए कम जगह की जरूरत होती है और बडी चीज को Store करने के लिए अधिक जगह की, उसी तरह से Computer में भी होता है। यदि Computer में छोटे मान को Store करना हो, तो कम Memory की जरूरत होती है और यदि बडे मान को Store करना हो तो अधिक Memory की जरूरत होती है।

इस तथ्‍य को एक उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैं। हम जानते हैं कि Computer में एक Character Store करने के लिए एक Byte की Memory की जरूरत होती है। यानी यदि किसी Student का नाम 10 अक्षरों का हो तो उस Student के नाम को Memory में Store करने के लिए 10 Bytes की जरूरत होगी जबकि यदि किसी Student का नाम 15 अक्षरों का हो, तो 15 Bytes की Memory की जरूरत होगी।

इसी प्रकार से यदि किसी Student की Age Computer में Store करनी हो तो हमें कम Memory की जरूरत होगी। जबकि यदि हमें किसी देश की कुल जनसंख्‍या को Computer में Store करना हो तो हमें Age को Store होने के लिए Age द्वारा ली जाने वाली Memory की तुलना में काफी अधिक Memory की जरूरत होगी, क्योंकि Practically किसी भी देश की जनसंख्‍या कम से कम होगी तो भी करोडों में होगी।

यानी यदि हम सारांश में कहें तो अलग-अलग प्रकार (Data Type) के मानों को Memory में Store करने के लिए अलग-अलग Memory Size की जरूरत होती है।

Identifier (Variable / Constant) Declaration

जब हमें Computer में किसी मान या Data पर किसी प्रकार की प्रक्रिया या Processing करनी होती है, तब सबसे पहले हमें उस Data को Computer की Memory में Store करना पडता है। Computer की Memory में किसी Data को Store करने के लिए Java में विभिन्न प्रकार के Keywords तय किए गए हैं। इन Keywords द्वारा Compiler ये तय करता है कि User को किस प्रकार के मान को Store करने के लिए Memory चाहिए।

User जिस Data Type के Keyword का प्रयोग करता है, Compiler उस Keyword की Size के अनुसार Memory Reserve कर लेता है। लेकिन अभी भी एक समस्‍या रहती है और वो समस्‍या ये है कि Compiler जो Memory Reserve करता है, उस Memory पर मानों (Data) को भेजने के लिए और किसी Processing में उन Memory Locations से Data को वापस प्राप्त करने के लिए Programmer को एक नाम की जरूरत होती है, ताकि वह Compiler को ये बता सके कि वह किस Memory Location के मान को Access करना चाहता है।

इसलिए Data Type को Represent करने वाले Keyword के साथ Programmer को एक नाम भी देना होता है। इस नाम को ही Variable या Constant कहते हैं।

Computer में किसी मान को Store करने के लिए Compiler को दो बातें बतानी पडती है। पहली ये कि Programmer किस प्रकार का मान Memory में Store करना चाहता है। इस पहली बात को बताने के लिए Programmer आवश्‍यकतानुसार किसी Keyword का प्रयोग करता है।

इस Keyword के आधार पर Compiler Memory Reserve करता है। Compiler को दूसरी बात ये बतानी होती है कि Programmer उस Reserve की गई Memory को किस नाम से Access करेगा। इसके लिए Programmer, Data Type के Keyword के साथ एक नाम भी तय करता है और Compiler उस Reserve की गई Memory को वह नाम प्रदान कर देता है, जो Programmer तय करता है।

एक Programmer जब Compiler को ये जानकारी देता है कि वह किस प्रकार के मान को Memory में Store करना चाहता है और Compiler द्वारा Reserve की जाने वाली उस Memory को किस नाम से Access करना चाहता है, तो इस पूरी प्रक्रिया को Identifier Declaration कहते हैं। कोई Identifier Declare करने के लिए Programmer को निम्न Syntax के अनुसार Java की Source File में अपना Code लिखता है-

Identifier Declaration Syntax:
  Data_Type Identifier_Name

यदि हमें एक ही समय में एक ही Syntax द्वारा एक ही Data Type के एक से अधिक Identifiers Create करने हों या Declare करने हों तो हमें निम्न Syntax Use करना पडता है-

Identifier Declaration Syntax:
  Data_Type Identifier_Name_1, Identifier_Name_2, , . . . ,  Identifier_Name_n

Variable व Constants दोनों ही प्रकार के Identifiers को Declare करने का तरीका एक जैसा ही होता है। अन्तर केवल इनमें Store किए जाने वाले Data को Store करने के तरीके का होता है। जब किसी Identifier को Declare करते ही उसे एक निश्चित मान प्रदान कर दिया जाता है और Programmer उस मान को पूरे Program में Change करना नहीं चाहता है, तो Declare किए गए उस Identifier को Constant कहा जाता है। जबकि यदि Identifier को Declare करने के बाद Programmer उसमें एक Permanent मान Initialize नहीं करता है, तो उस Identifier को Variable कहा जाता है।

Value Initialization

जब Programmer किसी Identifier को Declare करता है और Declaration के साथ ही उसमें कोई प्रारम्भिक मान प्रदान कर देता है, तो इस प्रक्रिया को Identifier Initialization कहते हैं। सामान्‍यतया लगभग सभी Languages Identifiers को Initialize किया जाता है।

कुछ High Level Languages ऐसी भी होती हैं, जिनमें यदि Identifier को Declare करते ही उसे Initialize ना किया जाए, तो भी उन Languages का Compiler उन Identifiers में Default मान Initialize कर देता है। Java भी एक ऐसी ही Language है।

यदि हम इसके किसी Identifier को Create करके उसे कोई मान Initialize ना करें, तो भी Java स्वयं उसके Identifiers को उनके Data Type के अनुसार Initialize कर देता है। कई भाषाओं में ये सुविधा नहीं होती है।

जिन भाषाओं में ये सुविधा नहीं होती है, उन भाषाओं में यदि किसी Identifier को Create करने के बाद उसे Initialize ना किया जाए, तो उनमें Garbage Values Stored रहती हैं। ये Garbage Values कभी-कभी Program में काफी जटिल Errors Generate कर देती हैं, जिनसे Program को Debug करना काफी कठिन हो जाता है।

जब हम किसी Class के किसी Method में Identifier Create करते हैं, तब उन Identifiers में ये Default मान Initialize नहीं होते हैं। इस स्थिति में हमें किसी Class के Methods में मानों को Initialize करना जरूरी होता है।

Garbage Values

Computer की Memory के हर Memory Location पर हर समय कोई ना कोई मान Store होता रहता है। विभिन्न Program के विभिन्न प्रकार के Data Memory में हर Location पर Store होते रहते हैं। किसी Program को Terminate करने के बाद भी उन स्थानों पर ऐसे मान Store रहते हैं, जिनका कोई मतलब नहीं होता है। इन मानों को Garbage Values कहा जाता है।

Java के विभिन्न Data Types को हम मुख्‍यत: दो भागों में बांट सकते हैं: पहले भाग को Simple Data Type कह सकते हैं। ये Java के मुख्‍य Data Types होते हैं। इन्हें किसी भी अन्‍य Data Type से Derive नहीं किया गया होता है। इस Data Type को मुख्‍य रूप से चार अन्‍य Data Types Integer, Floating-Point, Boolean and Characters में विभाजित किया जा सकता है। दूसरे भाग को Composite Data Type कहते हैं और ये पूरी तरह से Simple Data Types पर आधारित हैं। यानी ये Primary Data Type के ही Modified रूप हैं। Array, String, Class और Interface (Methods) इसके मुख्‍य भाग हैं।

Integer Data Types

जब हमें किसी समस्‍या के ऐसे Data को Computer में Store करना होता है, जो पूरी तरह से पूर्णांक लेकिन चिन्ह वाले (Signed) मान होते हैं, तब हम इस Class के Data Type का प्रयोग करके Identifiers Declare करते हैं। इस Class के Data Type को भी हम चार अन्‍य Sub-Classes byte, short, intlong में विभाजित कर सकते हैं। ये चारों Data Types अलग-अलग Size की Memory Reserve करते हैं। इनकी Size निम्नानुसार होती है:

Integer Data Types of JAVA

Data Type Size Range
Byte 8 bits -128 to +128 (-27 to +27-1)
Short 16 bits -32768 to +32767 (-215 to +215-1)
Int 32 bits (-231 to +231-1)
Long 64 bits (-263 to +263-1)

byte, short, intlong ये चारों Java Keywords हैं। चूंकि यदि Computer में Store किया जाने वाला मान बहुत ही छोटा हो, तो हम byte Data Type का प्रयोग करते हैं। जैसे कि हमें Student की Age को Computer में Store करना है।

चूंकि हम सभी जानते हैं कि ज्यादातर इन्सानों की उम्र की अधिकतम सीमा 100–125 साल तक ही हो पाती है। इसलिए उम्र को Computer में Store करने के लिए हम byte Data Type का प्रयोग कर सकते हैं। किसी Student की उम्र को Computer में Store करने के लिए हम निम्नानुसार Identifier Create कर सकते हैं:

      byte age;

यदि हमें Computer में किसी Employee की Salary Store करनी हो, तो हम Salary Store करने के लिए निम्नानुसार short प्रकार का Variable Create कर सकते हैं:

      short salary;

चूंकि यदि किसी Company में Employees की Salary यदि 32767 तक हो, तो हम short Data Type का प्रयोग कर सकते हैं। लेकिन यदि किसी Company में Employees की Salary इससे अधिक हो तो हम Salary Store करने के लिए निम्नानुसार int प्रकार का Variable Declare कर सकते हैं:

      int salary;

कई बार हमें काफी बडी संख्‍याओं की गणना करने की जरूरत पडती है। उदाहरण के लिए यदि हमें किसी देश की कुल जनसंख्‍या को Computer में Store करना हो, तो हमें बहुत बडी संख्‍या को Store करने की जरूरत पडती है। इस जरूरत को byte, short या int प्रकार के Data Type द्वारा पूरा नहीं किया जा सकता।

इसलिए इस स्थिति में हमें long प्रकार का Variable Declare करना होता है। ये Data Type तब Use किया जाता है जब बहुत बडे मान को Computer में Store करना होता है। इस Data Type का Variable हम निम्नानुसार Declare कर सकते हैं:

      long population;

Floating – Point Data Types

जब हमें Computer में ऐसे मानों को Store करना होता है, जिनमें दसमलव हो, तो ऐसी संख्‍याओं को Computer में Store करने के लिए हमें Floating Point Data Type के Variables Create करने पडते हैं।

इस प्रकार के Data को भी दो भागों float व double में विभाजित किया जा सकता है। float प्रकार का Data Memory में 32 Bits या 4 Bytes की Space लेता है जबकि double प्रकार का Data Memory में 64 Bits या 8 Bytes की Space लेता है।

जब हमें ऐसे मान Computer में Store करने होते हैं जो छोटे तो होते हैं लेकिन दसमलव वाले होते हैं तब हम float प्रकार का Variable Declare करते हैं लेकिन जब बडे मानों को Computer में Store करना हो, तब double प्रकार के Variables Declare करने पडते हैं।

float temperature;
double speedOfLight;

जावा में जब किसी Floating Point Variable को Create किया जाता है और साथ ही उसे Initialize भी किया जाता है, तो Initialize किए जाने वाले मान के साथ हमें f या F Character का भी प्रयोग करना जरूरी होता है। क्योंकि जावा में दसमलव वाले सभी मानों को double प्रकार का Declare करना होता है।

लेकिन चूंकि double प्रकार का Variable Memory में 8 Bytes की Space लेता है, इसलिए यदि हमें किसी छोटे दसमलव वाले मान को Computer में Store करना हो, तो हम float प्रकार का Variable Create कर सकते हैं। लेकिन साथ ही यदि उसे Initialize भी करना हो तो ये काम हमें निम्नानुसार करना होता है:

float temperature = 95.45F;
float pi =3.1428f ;

यदि हम इस तरह से मान के साथ f या F का प्रयोग नहीं करते हैं, तो Compiler हमें निम्न Error देता है, जो कि ये बताता है कि Variable को double प्रकार का Declare किया जाना चाहिए, ताकि Variable में Stored Data का किसी प्रकार से Loss ना हो।

	[Name of the main Class ].java:5: possible loss of precision
	found   : double
	required: float
		float firstNumber = 5787.54;
       		                     ^

Boolean Data Type

Real World में भी हम देखते हैं कि कई सवालों के जवाब केवल हां या ना में दिए जाते हैं। जैसे कि कमरें का बल्ब चालू है या नहीं, Computer पर Internet चलता है या नहीं, तुम बाजार गए थे या नहीं, आदि।

इसी प्रकार से Computer में भी हमें कई बार इस प्रकार के मानों को Store करना पडता है जो केवल हां या ना अथवा सत्‍य या असत्‍य को ही Represent करते हैं। इस प्रकार के मानों को Computer में Store करने के लिए हम Boolean Data Type का Identifier Create करते हैं। ये Data Type Memory में केवल एक Bit की Space लेता है। यदि Bit का मान 1 होता है तो उसमें true Store होता है और यदि Bit का मान 0 हो तो उसमें false Stored रहता है।

Java में 0 या 1 Store करने के बजाय हम सीधे ही true या false Store कर सकते हैं। एक Boolean Variable Declare करने के लिए हम boolean Keyword का प्रयोग करते हैं। इस Data Type का Variable भी उसी अन्‍य सामान्‍य Variables की तरह ही Declare किया जाता है। जैसे:

      boolean isGameOver;

 

Character Data Type

कई बार हमें Computer में केवल एक ही Unicode Character Store करना होता है। केवल एक Character को Computer में Store करने के लिए हम Java के char Keyword का प्रयोग करके Identifier Create करते हैं। चूंकि Unicode Characters 16 Bit के होते हैं, इसलिए char Data Type एक 16 Bit Unsigned Value के रूप में Character को Store करता है। हम Character प्रकार का Variable निम्नानुसार Create कर सकते हैं-

      char firstInitial, middleInitial, lastInitial;

अभी तक हमने इस अध्‍याय में जो कुछ भी पढा वह सबकुछ जावा Program के मुख्‍य तत्व हैं। चलिए, अब हम इन अवयवों को Java के Program में Use करते हैं और विभिन्न प्रकार की समस्‍याओं को सुलझाने की कोशिश करते हैं। पिछले अध्‍याय में हमने एक String को Output में Print करने का Program देखा है। चलिए, इसी तरह का एक और उदाहरण Program देखते हैं।

Example:
  एक Program बनाओ जिसमें अपने घर का Address Output में Print होना चाहिए।

//Name of File = HomeAddress.java
public class HomeAddress
{
	public static void main(String args [])
	{	
		System.out.println(“Bedal Road ”);
		System.out.println(“Behind of Vidhya Jyoti School ”);
		System.out.println(“Dist. Pali Falna Station “);
	}
}

Output
  Bedal Road 
  Behind of Vidhya Jyoti School
  Dist. Pali Falna Station

इस Program में हम देख सकते हैं कि हमें जो भी Statement Output में Print करना होता है, वह Statement System.out.println() के कोष्‍ठक में लिखते हैं। चूंकि हम ;हां पर Characters का एक समूह, जिसे String कहते हैं, Output में Print करना चाहते हैं।

इसलिए हमने उस String को Double Quote के अन्दर लिखा है। println() Method out Object का एक Method है। out Object Computer के Console को Represent करता है। हम जो कुछ भी इस Object में भेज देते हैं, वह सबकुछ Screen पर Print हो जाता है।

जैसाकि हमने पहले कहा कि println() out Object का एक Method है, जिसे out Object के लिए Call किया जाता है। Java Programming में जिस किसी Statement के बाद ( ) का प्रयोग किया जाता है, वह कोई ना कोई Method होता है और किसी काम को पूरा करता है। println() Method के कोष्‍ठक में हमने एक String को लिखा है जो कि Output में Screen पर Print हो जाता है। ये String println() Method का Argument कहलाता है।

जब इस Program को Compile किया जाता है, तब Java का Compiler सबसे पहले उस नाम की Class को खोजता है, जो नाम File का नाम होता है। क्योंकि उसी Class में main() Method होता है और Compiler हमेंशा main() Method को ही सबसे पहले Compile करना शुरू करता है। main() Method को हमने public Declare किया है।

ऐसा इसलिए किया है ताकि ये Method Command Prompt से Access किया जा सके। यदि ये Method public ना किया जाए, तो Program को Run नहीं किया जा सकता है।

void Keyword का प्रयोग इसलिए किया है, क्योंकि main() Method कभी ऐसा कोई मान Return नहीं करता है, जिसे कोई अन्‍य Method Use कर सके।

static Keyword का प्रयोग इसलिए किया है, ताकि main() Method के मान में किसी प्रकार का कोई परिवर्तन Command Prompt से ना किया जा सके।

main() Method में Argument के रूप में String args[] लिखा गया है। args एक String का Array है। Array के बारे में हम आगे पढेंगे।

जब जावा के किसी Program को Command Prompt से Run किया जाता है, तब उस Program के main() Method को यदि हम किसी प्रकार का Argument देना चाहें, तो Command Prompt से दे सकते हैं। Command Prompt पर दिए जाने वाले Arguments args नाम के String प्रकार के Array में Store होते हैं, जिन्हें main() Method में Use करके कोई काम किया जा सकता है।

main() Method को खोजने के बाद Compiler main() Method के Statement Block में प्रवेश करता है, जहां उसे System.out.println() Method प्राप्त होता है। Compiler इस Method को Compile करता है और आगे बढता है।

आगे वापस उसे दूसरा System.out.println() Method प्राप्त होता है। Compiler इस Statement के String को भी Output में Print करता है। फिर तीसरे Statement को Execute करता है और तीसरे Statement को Output में Print करता है। फिर उसे main() Method का Closing Curly Brace प्राप्त होता है, जहां से Compiler का Program Control बाहर निकल जाता है और Terminate हो जाता है।

Example:
  एक ऐसा Program बनाओ जिसमें सभी Arithmetical Operators का प्रयोग किया गया हो।

//Name of File = AllArithmetic.java
public class AllArithmetic
{
	public static void main(String args [])
	{	
		int firstValue = 100;
		int secondValue;
		int addResult, subResult, mulResult, divResult, remResult;
			
		secondValue = 50;
		
		addResult = firstValue + secondValue;
		subResult = firstValue - secondValue;
		mulResult = firstValue * secondValue;
		divResult = firstValue / secondValue;
		
		System.out.println(firstValue + "+" +secondValue+ "="+addResult);
		System.out.println(firstValue + "-" +secondValue+ "="+subResult);
		System.out.println(firstValue + "*" +secondValue+ "="+mulResult);
		System.out.println(firstValue + "/" +secondValue+ "="+divResult);
		
		secondValue = 60;
		remResult = firstValue % secondValue;
		
		System.out.println(firstValue + "%" +secondValue+ "="+remResult);
	}
}

Output
  100 + 50 = 150
  100 - 50 = 50
  100 * 50 = 5000
  100 / 50 = 2
  100 % 60 = 40

इस Program में हमने main() Method में सबसे पहले एक Integer प्रकार का निम्नानुसार Variable Create किया है:

        int firstValue = 100;

ये Statement Memory में Integer प्रकार के मान को Store करने के लिए चार Bytes की Space Reserve करता है, और उस Space का नाम firstValue रख देता है। साथ ही Variable के लिए Memory Reserve करते समय यानी Variable Create करते समय ही उस Variable में मान 100 प्रदान कर दिया गया है। जब किसी Variable को Create करते समय ही उसे मान प्रदान कर दिया जाता है तो इस प्रक्रिया को Value Initialization कहा जाता है। निम्नानुसार दूसरे Statement में हमने एक और Variable Create किया है, लेकिन इसे Value Initialize नहीं किया है।

        int secondValue;

इन दोनों Statements में हमने एक समय में केवल एक ही Variable Create किया है जबकि तीसरे Statement में हमने एक साथ Integer प्रकार के पांच Variables Create किए हैं। जब हमें एक ही Data Type के कई Variables Create करने होते हैं, तब हम इस तरीके से Variables का Declaration कर सकते हैं। ठीक उसी तरह से जिस तरह से हमने इस Program में निम्नानुसार Statement द्वारा एक ही समय में Integer प्रकार के पांच Variables Create किए हैं-

        int addResult, subResult, mulResult, divResult, remResult;

main() Method के चौथे Statement में हमने secondValue Variable को निम्नानुसार Statement द्वारा मान प्रदान किया है-

        secondValue = 50;

जब किसी Variable को Declare करते समय मान प्रदान ना करके बाद में मान प्रदान किया जाता है, तो मान प्रदान करने के लिए Equal To Operator का प्रयोग किया जाता है। इस Operator को Assignment Operator भी कहते हैं, इसलिए इस प्रकार से मान प्रदान किए जाने के तरीके को Variable Assignment या मान Assign करना कहते हैं। हमने हमारे Program में निम्नानुसार चार Statement द्वारा पांच प्रकार की प्रक्रियाएं की हैं जो firstValue व secondValue Variables के मानों के आधार पर विभिन्न Arithmetical Operators के प्रयोग द्वारा Result Generate करते हैं:

addResult = firstValue + secondValue;
subResult = firstValue - secondValue;
mulResult = firstValue * secondValue;
divResult = firstValue / secondValue;

दोनों Variables के मानों का योग हो कर addResult नाम के Variable में परिणाम Store हो जाता है। इसी तरह से firstValue Variable में मान में से secondValue Variable का मान घटाने के बाद जो परिणाम प्राप्त होता है, वह परिणाम subResult नाम के Variable में Store हो जाता है। तीसरा Statement दोनों Variables के मानों का गुणा करता है और परिणाम को mulResult नाम के Variable में Store कर देता है।

चौथे Statement में firstValue Variable के मान में secondValue Variable के मान का भाग दिया जाता है और परिणाम के रूप में जो मान प्राप्त होता है, उसे divResult नाम के Variable में Store कर दिया जाता है। अब इन चारों मानों को Output में निम्नानुसार Statutes द्वारा Print कर दिया जाता है।

System.out.println(firstValue + "+" +secondValue+ "="+addResult);
System.out.println(firstValue + "-" +secondValue+ "="+subResult);
System.out.println(firstValue + "*" +secondValue+ "="+mulResult);
System.out.println(firstValue + "/" +secondValue+ "="+divResult);

इन Statements में println() Method को अलग तरीके से Use किया गया है। जब हमें एक ही Line में Numerical व Non-Numerical दोनों तरह के मानों को Screen पर Print करना होता है, तब हम + Operator का प्रयोग कर सकते हैं, जैसाकि इन Statements में किया गया है। चूंकि Variables के मान वे नाम हैं जिन्हें Compiler Directly पहचानता है, इसलिए इन नामों को Double Quote में बन्द करने की जरूरत नही है।

जबकि विभिन्न प्रकार के Operators के चिन्हों को हम String के रूप में Output में Print करना चाहते हैं, इसलिए इन्हें Double Quote में बन्द किया गया है। String व Variables में Stored मान को एक साथ एक ही println() Method से Print किया जा सके, इसके लिए जरूरी है कि इनके बीच + Operator का प्रयोग उसी तरह से किया जाए, जिस तरह से उपरोक्त चारों Statements में किया गया है।

चूंकि हमने इस Program में जितने भी Variables Create किए हैं, उन सभी के मानों को Program में कहीं भी Change किया जा सकता है, ये दर्शाने के लिए हमने निम्नानुसार Statement द्वारा secondValue Variable के मान को Change किया है-

secondValue = 60;

अगले Statement में हमने firstValue से secondValue का Reminder निकालने के लिए निम्नानुसार Statement का प्रयोग किया है-

remResult = firstValue % secondValue;

main() Method के अन्तिम Statement में remResult Variable के मान को Output में Print किया गया है, जो कि Output में 40 Print करता है। यदि हम secondValue Variable का मान 60 Assign ना करते] तो इस Statement द्वारा प्राप्त होने वाला परिणाम 0 होता। क्योंकि firstValue के मान 100 में secondValue के मान 50 का भाग पूरा-पूरा चला जाता और Reminder 0 बचता।

इसलिए हमनें secondValue Variable का मान Change करके 60 कर दिया। इसलिए हमें Output में 40 प्राप्त होता है। क्योंकि 100 में 60 का पूरा-पूरा भाग केवल एक ही बार जाता है और शेषफल 40 बचता है।

इसी Program को यदि हमें एक Applet द्वारा Solve करना हो, तो Applet के लिए हमें निम्नानुसार Coding करनी पडेगी:

//Name of File = AllArithmeticApplet.java
import java.awt.*;
import java.applet.*;
	
public class AllArithmeticApplet extends Applet
{
	int firstValue, secondValue;
	int addResult, subResult, mulResult, divResult, remResult;
		
	public void init()
	{	
		firstValue = 100;
		secondValue = 50;
		addResult = firstValue + secondValue; 
		subResult = firstValue - secondValue; 
		mulResult = firstValue * secondValue; 
		divResult = firstValue / secondValue; 
	}
		
	public void paint(Graphics g)
	{
		g.drawString(firstValue+"+"+secondValue + " = " + addResult, 10, 20);
		g.drawString(firstValue+"-"+secondValue + " = " + subResult, 10, 40);
		g.drawString(firstValue+"*"+secondValue + " = " + mulResult, 10, 60);
		g.drawString(firstValue+"/"+secondValue + " = " + divResult, 10, 80);
			
		secondValue = 60;
		remResult = firstValue % secondValue;
			
		g.drawString(firstValue+"%"+secondValue+ " = " + remResult, 10, 100);
	}
}

Output:

Java Data Types - Range and Limits with Examples

Example:
  एक ऐसा Program बनाओ जिसमें एक साल में सूर्य की रोशनी द्वारा तय की जाने वाली कुल दूरी Miles में Output में प्राप्त हो।

चूंकि सूर्य के प्रकाश की गति एक Second में 186000 होती है, इसलिए सूर्य के प्रकाश द्वारा एक साल में तय की जाने वाली गति का Formula निम्नानुसार होगा:

        Total Length = 186000 * 365 * 24 * 60 * 60

//Program
class LightDistance
{
	public static void main( String args [])
	{
		int lightSpeed;
		long days;
		long seconds;
		long distance;
		
		//Approximate speed of light in miles per second
		lightSpeed = 186000;
		
		days = 365; 
		seconds = days * 24 * 60 * 60;	//Convert to Seconds
		distance = lightSpeed * seconds;	//Total Distance
		System.out.print("In " + days );
		System.out.print(" days light will travel about ");
		System.out.println(distance + " miles");
	}
}

Output
  In 365 days light will travel about 5865696000000 miles

इस Program में हमने System Class के out Object के लिए एक नए Method print() का प्रयोग किया है। ये method ठीक उसी प्रकार से काम करता है, जिस प्रकार से println() Method करता है। अन्तर केवल इतना है कि println() Method Automatically New Line Provide करता है जबकि ये Method New Line Provide नहीं करता है। इसीलिए हमने तीन बार System.out Object के लिए Method को Call किया है, लेकिन परिणाम हमें एक ही Line में प्राप्त हो रहा है।

इस Program में हमने long Data Type का Variable Declare किया है। हमने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि 365 Days में प्रकाश जितनी दूरी तय करता है, वह दूरी int प्रकार के Variable में Store नहीं किया जा सकता है। क्योंकि ये दूरी int प्रकार के Data Type के Variable की Range से ज्यादा है। int प्रकार का Variable इतने बडे मान को Store नहीं कर सकता है।

इसी तरह से हम विभिन्न प्रकार की जरूरतों के लिए विभिन्न प्रकार के Data Type के Variables Declare कर सकते हैं और उन्हें Use कर सकते हैं।

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Java Programming Language in Hindi | Page: 682 | Format: PDF

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