OOPS Basic Concepts with Examples

OOPS Basic Concepts with Examples: हम Computer पर जो भी Program बनाते हैं वो Program किसी ना किसी Real Life Problem को Solve करने के लिए बनाते हैं और हर Real World Problem में Real World Objects होते हैं। इस स्थिति में OOPS एक ऐसा Concept है जिसके आधार पर हम विभिन्न प्रकार की Real Life से Related Problems को Solve करने के लिए हमारी समस्या से सम्बंधित विभिन्न Real World के Physical Objects को Computer में Logically Represent कर सकते हैं और उस Real Life से सम्बंधित समस्या को Computer में Logically भी उसी तरह से Solve कर सकते हैं, जिस तरह से उस समस्या को Real World में Physically Solve करते हैं।

किसी Problem को Solve करने का वह System या तरीका जिसके आधार पर किसी Real World Problem को Solve करने के लिए उस Real World Problem से सम्बंधित Physical Objects को Computer में Logically Represent करके Problem को Computer द्वारा Solve किया जा सके, Object Oriented Programming System (OOPS) कहलाता है और जिस Computer Programming Language में OOPS के Concepts को ठीक तरह से Implement किया जा सकता है, उस Programming Language को Object Oriented Programming Language (OOPL) कहा जाता है।

जावा एक ऐसी ही Object Oriented Programming Language है, जिसमें किसी Real World समस्या से सम्बंधित विभिन्न Real World Physical Objects को Computer में Logically Represent करके समस्या को उसी प्रकार से Logically Solve किया जा सकता है, जिस तरह से उस समस्या को Real World में Physically Solve किया जाता है।

Problem – The Definition

दुनियां के हर काम को सम्पन्न करने के लिए हमें एक विशेष क्रम का पालन करना पडता है और जब हम किसी काम को ठीक तरीके से कर लेते हैं, तो परिणाम स्वरूप हमें कुछ ना कुछ उचित Output प्राप्त होता है। ठीक इसी तरीके से Computer से भी किसी काम को करवाने के लिए हमें उससे एक विशेष क्रम का पालन करवाना पडता है और जब Computer हमारे बताए गए किसी क्रम के अनुसार काम कर लेता है, तो हमें कुछ ना कुछ उचित परिणाम भी प्राप्त होता है।

जिस किसी भी काम को करने के लिए हमें किसी विशेष क्रम का पालन करना पडता है, उस काम को हम एक Problem कह सकते हैं। इस स्थिति में हर काम एक प्रकार की समस्या होती है क्योंकि दुनियां के किसी भी छोटे से छोटे काम को सम्पन्न करने के लिए भी हमें किसी ना किसी क्रम का पालन तो करना ही पडता है। एक उदाहरण से समझें तो यदि हमें पानी पीना हो तो भी हमें एक निश्चित क्रम का पालन करना पडता है। पानी पीने के लिए भी हमें:

  • सबसे पहले गिलास लेना पडेगा।               [ Variable Declaration ]
  • गिलास में पानी लेना पडेगा।                     [ Input    ]
  • फिर उस पानी को मुंह तक लाना पडेगा      [ Process ]
  • पानी मुंह में जाएगा और तृप्ति का अहसास होगा।   [ Output ]

यानी पानी पीने के लिए भी हमें एक निश्चित क्रम का पालन करना पड रहा है, इसलिए पानी पीने को भी हम एक प्रकार की समस्या के रूप में देख सकते हैं।

Data – Value OR a Set of Values

मूल रूप से देखा जाए तो Computer के लिए किसी भी प्रकार का मान या मानों का समूह Data कहलाता है। Computer में हम किसी भी मान को मुख्‍यतः तीन प्रकार से Specify कर सकते हैं।

Integer

जब हमें Computer में किसी ऐसे मान को Store करना होता है, जिसमें केवल पूर्ण संख्‍याएं ही होती हैं, तब उस Value को Integer प्रकार की Value कहा जाता है।

Float

जब हमें Computer में किसी ऐसे मान को Store करना होता है जिसमें दसमलव वाली संख्‍या होती है, तब उस Value को Float प्रकार की Value कहा जाता है।

Character

जब हमें Computer में केवल Characters Store करने होते हैं, तब इस प्रकार के मान को Character प्रकार का मान कहते हैं।

Object – The Definition

दुनियां की हर उस चीज को Object कह सकते हैं, जिसे Physically देखा जा सके या Logically किसी दिखाई देने वाली चीज के Reference में महसूस किया जा सके। जैसाकि हमने कहा कि Object को देखा जा सकता है, इसका मतलब ये हुआ कि हर वह चीज जिसका कोई रंग, रूप व आकार हो वह Object है। जैसे कि Keyboard, Employee, Client आदि। इसी प्रकार से हर वह चीज जिसे किसी दिखाई देने वाली चीज के Reference में महसूस किया जा सके, Object है। जैसे Bank Account.

हर Object की कुछ विशेषताएं होती हैं, जिसकी वजह से कोई एक Object किसी दूसरे Object से अलग पहचाना जाता है। किसी भी Object की इन विशेषताओं को हम उस Object के Attributes या उस Object की Properties कहते हैं। किसी Object के Attribute के मान में परिवर्तन करने पर वह Object बदल जाता है।

उदाहरण के लिए किसी Account Object की एक Property, उसका Account Number हो सकता है। अब यदि किसी Account के Account Number Property का मान Change किया जाए, तो वह Account किसी दूसरे Account Object को Refer करने लगता है। यानी Object के Attribute के मान में यदि परिवर्तन कर दिया जाए तो Object बदल जाता है।

जिस तरह से हर Object Uniquely Identify होने के लिए अपने कुछ Unique Attributes का प्रयोग करता है, उसी तरह से हर Object किसी ना किसी तरीके से कोई ना कोई काम करता है। Object के इस काम करने की प्रवृति को Object का Behavior कहते हैं।

Objects – Based on Problem

वास्तविक जीवन (Real World) में हम किसी भी समस्या को जिस प्रकार से देखते हैं, उसी प्रकार से हम उस समस्या को Computer में भी Represent कर सकते हैं। समस्या को Computer में Logically तभी Represent किया जा सकता है, जब समस्या को ठीक प्रकार से समझा जाए और ये पता किया जाए कि समस्या के मुख्‍य Objects कौन-कौन से हैं।

उदाहरण के लिए मान लीजिए कि एक Company में उसके सभी Employees के Bio – Data को Manual Register से Upgrade करके Computerized करना है। अब हमें सबसे पहले इस Real World समस्या से सम्बंधित सबसे महत्वपूर्ण Object को Identify करना है। चूंकि, विभिन्न Employees के Bio – Data को Computer पर Store करना है, इसलिए इस समस्या से सम्बंधित जो सबसे महत्वपूर्ण Object है, वह Employee ही है। Employee एक Physical Object है और इसे जब Computer में Represent किया जाएगा तो, Computer में वह Employee Logical Object कहलाएगा। (OOPS Basic Concepts with Examples)

Java Programming Language in Hindiये Article इस वेबसाईट पर Selling हेतु उपलब्‍ध EBook Java in Hindi से लिया गया है। इसलिए यदि ये Article आपके लिए उपयोगी रहा, तो निश्चित रूप से ये पुस्तक भी आपके लिए काफी उपयोगी साबित होगी। 

Java Programming Language in Hindi | Page: 682 | Format: PDF

BUY NOW GET DEMO REVIEWS